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18 Mar 2023 · 3 min read

जूता

*जूता (हास्य व्यंग्य)*
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वह जमाना और था, जब लोग किसी पर गुस्सा होते थे और अपने पैर से जूता निकालकर उसके ऊपर फेंक देते थे । तब जूता सस्ता होता होगा । एक चला गया, कोई बात नहीं । आदमी ने दूसरा खरीद लिया। अब महंगाई का जमाना है । एक जोड़ी जूता खरीदने से पहले दो बार सोचना पड़ता है ।
जूता खरीदना अपने आप में एक बड़ी खरीदारी है । आदमी जब जूते की दुकान में जूते खरीदने के लिए प्रवेश करता है, तब वह चेहरे पर गर्व का भाव लिए हुए होता है। अगर रास्ते में कोई मिल जाए और पूछे कि कहॉं जा रहे हो, तब व्यक्ति को गर्व के साथ यह बताते हुए आनंद आता है कि हम जूते खरीदने के लिए जा रहे हैं । जूता खरीदने का काम भी बड़ा कठिन है । एक से एक शानदार जूते आजकल दुकानों पर मिल रहे हैं । इतने महंगे कि सुनकर आदमी का दिल बैठ जाए।
जूता खोना या जूता चुराना अगर हिंदी में कहावत के रूप में स्थापित नहीं हुआ, तो इसका मुख्य कारण पुराने जमाने में जूते का महत्वहीन होना ही था । जूता सस्ता होने के कारण ही ‘जूते खाना’ एक कहावत के रूप में स्थापित हुआ । जूते का भी कोई महत्व होता था ! पहना, उतारा, फेंक दिया । अगर आज हम जूते के आधार पर नई कहावतों की रचना के बारे में विचार करें तो ‘जूता खोना’ अथवा ‘जूता चोरी होना’ एक ऐसी कहावत होगी जिसका अभिप्राय भारी दुख होना, गहरा सदमा पहुॅंचना या बहुमूल्य वस्तु से वंचित हो जाना माना जाएगा।
अब तो यह पुराने किस्से-कहानियों की बात होकर रह गई है कि लोग कभी क्रोधित होने पर पैर का जूता उठाकर फेंक देते थे । यद्यपि नेताओं के ऊपर अभी भी जूता फेंकने की घटनाऍं होती रहती हैं । लेकिन इससे हम जूते को महत्वहीन नहीं बता सकते बल्कि जूते का महत्व इस दृष्टि से और भी बढ़ जाता है कि उसका उपयोग बड़े-बड़े नेताओं पर फेंकने के लिए किया जाता है।
जूता चोरी होने का डर व्यक्ति को हमेशा रहता है। कई लोग अपने फटे-पुराने जूते भी सॅंभाल कर रखते हैं और ऐसे स्थान पर जाते समय उन्हें पहनते हैं, जहॉं जूते चोरी होने की संभावनाऍं रहती हैं । अगर आप किसी बड़े आदमी को फटा हुआ जूता पहनकर सड़क पर जाते हुए देखें तो शत-प्रतिशत रूप से यह अनुमान लगा सकते हैं कि वह किसी जूता-चोरी स्थल पर जा रहा है ।
महॅंगे जूते के चोरी होने के बाद व्यक्ति स्वयं को लुटा-पिटा महसूस करता है । पैर में चोट लग जाए तो शायद इतना दुख नहीं होगा, क्योंकि पैर की चोट तो दो-चार दिन में ठीक हो जाएगी लेकिन अगर बढ़िया जूता चोरी हो जाए तो व्यक्ति को उसके वियोग का दुख कई महीने तक सालता रहता है । वह दशकों बाद भी अपने जूते के चोरी होने की घटना को नहीं भूल पाता । संस्मरण सुनाते समय उसके हृदय में विराजमान गीलापन आप महसूस कर सकते हैं । आदमी को अपना चोरी हुआ जूता कभी नहीं भूलता।
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*लेखक : रवि प्रकाश*
बाजार सर्राफा, रामपुर, उत्तर प्रदेश
मोबाइल 99976 15451

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