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26 Dec 2022 · 1 min read

जीवन से जैसे कोई

जीवन से जैसे कोई
जब रूठने लगे ।
धैर्य जब साथ न दे
मन टूटने लगे ।।
ह्रदय की स्थिति की
पीड़ा न पूछिये ।
हाथों से डोरी प्रीत की
जब छूटने लगे ।।
प्रतीत होंगी तुझको
तुझमें भी मैं कहीं ।
मुझको मेरी तरह से
जो तू सोचने लगे ।।
जीवन में मैं पुनः
न स्मरण करूं तुझे।
बस एक विचार से ही
मन डूबने लगे ।।

डाॅ फौज़िया नसीम शाद

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