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19 Mar 2023 · 1 min read

जीवन यूँ ही बीत रहा है

खाली-खाली रीत रहा है
जीवन यूँ ही बीत रहा है

हार गया हूँ दिल की बाजी
बेदर्द जहां जीत रहा है

दर्द घटाये विरहा का जो
गीत वही मनमीत रहा है

जिसने समझी पीर पराई
शख्स वही जगजीत रहा है

काल कपाल पे चढ़ बैठा जो
अजर-अमर संगीत रहा है

***

1 Like · 9 Views

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