Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
22 Feb 2024 · 1 min read

जीवन में ऐश्वर्य के,

जीवन में ऐश्वर्य के,
साधन हुए अनेक ।
अर्थ दौड़ में खो गया,
मानव धर्म विवेक ।।

सुशील सरना / 22-2-24

1 Like · 205 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.

You may also like these posts

दोहा
दोहा
seema sharma
जंग अपनी आंखों से ओझल होते देखा है,
जंग अपनी आंखों से ओझल होते देखा है,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
#डॉ अरुण कुमार शास्त्री
#डॉ अरुण कुमार शास्त्री
DR ARUN KUMAR SHASTRI
कवि भूषण
कवि भूषण
Indu Singh
बह्र ....2122  2122  2122  212
बह्र ....2122 2122 2122 212
Neelofar Khan
संबंधो में अपनापन हो
संबंधो में अपनापन हो
संजय कुमार संजू
Children
Children
Poonam Sharma
माँ ममता की मूरत
माँ ममता की मूरत
Pushpa Tiwari
- तुम ही मेरे जीने की वजह -
- तुम ही मेरे जीने की वजह -
bharat gehlot
माँ -2
माँ -2
कवि दीपक बवेजा
*
*"बापू जी"*
Shashi kala vyas
दिल का भी क्या कसूर है
दिल का भी क्या कसूर है
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
🐍भुजंगी छंद🐍 विधान~ [यगण यगण यगण+लघु गुरु] ( 122 122 122 12 11वर्ण,,4 चरण दो-दो चरण समतुकांत]
🐍भुजंगी छंद🐍 विधान~ [यगण यगण यगण+लघु गुरु] ( 122 122 122 12 11वर्ण,,4 चरण दो-दो चरण समतुकांत]
Neelam Sharma
शिक्षामित्रों पर उपकार...
शिक्षामित्रों पर उपकार...
आकाश महेशपुरी
नयनजल
नयनजल
surenderpal vaidya
जो ख़ुद आरक्षण के बूते सत्ता के मज़े लूट रहा है, वो इसे काहे ख
जो ख़ुद आरक्षण के बूते सत्ता के मज़े लूट रहा है, वो इसे काहे ख
*प्रणय*
चापलूसों और जासूसों की सभा में गूंगे बना रहना ही बुद्धिमत्ता
चापलूसों और जासूसों की सभा में गूंगे बना रहना ही बुद्धिमत्ता
Rj Anand Prajapati
गिरगिट बदले रंग जब ,
गिरगिट बदले रंग जब ,
sushil sarna
एक इंसान को लाइये
एक इंसान को लाइये
Shekhar Deshmukh
*बादल चाहे जितना बरसो, लेकिन बाढ़ न आए (गीत)*
*बादल चाहे जितना बरसो, लेकिन बाढ़ न आए (गीत)*
Ravi Prakash
Narcissism
Narcissism
Shyam Sundar Subramanian
चाहती हूँ मैं
चाहती हूँ मैं
Shweta Soni
2670.*पूर्णिका*
2670.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
बच्चे
बच्चे
Kanchan Khanna
होना
होना
Kunal Kanth
कहना क्या
कहना क्या
Awadhesh Singh
मुखर-मौन
मुखर-मौन
Manju Singh
राम का आधुनिक वनवास
राम का आधुनिक वनवास
Harinarayan Tanha
महीना ख़त्म यानी अब मुझे तनख़्वाह मिलनी है
महीना ख़त्म यानी अब मुझे तनख़्वाह मिलनी है
Johnny Ahmed 'क़ैस'
sp 144 जब इच्छाएं
sp 144 जब इच्छाएं
Manoj Shrivastava
Loading...