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28 Feb 2023 · 6 min read

*जीवन जीने की कला*

*जीवन जीने की कला*
वर्तमान समय में हर पल सबसे महत्वपूर्ण है सबसे महत्वपूर्ण है अपना अस्तित्व…हम कैसे है कैसा बर्ताव सद व्यवहार कर रहे हैं,कितनी सामर्थ्य शक्ति है,कैसा चिंतन कर रहे हैं, अपनों के प्रति किस प्रकार का विचार प्रगट करते हैं।
शरीर स्वस्थ है या निरोगी काया है मन किस चीज से कौन सा काम करने से बेहद खुशी मिलती है।ईश्वर के प्रति श्रद्धा आस्था अटूट विश्वास है या नहीं….
प्रत्येक कार्य के प्रति सजग , सतर्क रहने के लिए उचित खानपान ,रहन सहन, मानसिकता ,आसपास का वातावरण ,आने वाले जीवन की योजनाएं ,सही तरीके से जीने की कला सीखना जरूरी है।
सामाजिक गतिविधियों में भाग लेना,संस्कार ,संस्कृति का प्रभाव व अन्य बातें इस ओर संकेत करती है मार्ग प्रशस्त करती है कि हम कहां तक किस हद तक जीवन जीने की कला में निपुण है या पूर्णतः सहमत है या सफल है।
दुनिया में कोई भी चीज हमेशा के लिए नहीं होती है , ये शायद हम निश्चिंत होकर सोचे तो बाद में हमें निराशा ही हाथ लगती है।
जीवन का मुख्य उद्देश्य का राज अगर उजागर किया जाए तो ऐसा लगता है कि सारी दुनिया घूमने के बाद भी सुख – दुःख ,आशा – निराशा,गुण – अवगुण,सभी चीजें मनुष्यों में समाहित है।
मान लीजिए उन खुशी के क्षण में दो पल भर कैसे मुश्किल से निकालते है और वो सुखद अनुभव पलों को ढूंढते फिरते हैं जो हमारे छोटे से हृदय में स्पंदन करते धक धक धड़कता रहता है जिससे हमारा जीवन चलता है हम श्वास लेते हैं जो अपने पास में ही है।
फिर भी न जाने कहां कहां तलाशते रहते हैं ,दो पल की खुशियों के लिए सुकून के लिए भटकते रहते हैं।
जीवन के उद्देश्य या उस मंजिल तक पहुंचने के लिए हौसला हिम्मत शक्ति चाहिए जो दर बदर इधर उधर रास्तों पर चलकर भटक जाते हैं।अगर हम बिना रास्ता बदले ही सदैव अपने सही तरीके से बताए गए रास्ते पे चलते रहे तो बेहतर जीवन जी सकते हैं।
जिस कार्य को करने से बेहद खुशी मिलती है उसी कार्य पर ध्यान केंद्रित कर हर दिन नए प्रयासों के द्वारा जीवन जीने की कला सीख सकते हैं।
नियम एवं शर्तें अनुशासन से ही असली जीवन का उद्देश्य का पता चलता है और हर उस पलों को उसी प्रवाह के साथ जीवन में वैसी ही अनुभूति ,ऎहसास , आनंद मिलता है जैसे हमें कोई कार्य को पूरा करने के वक्त मिलता है जो कार्य हमें पसंद हो और उससे खुशी मिल रही हो तो दुगुने जोश के साथ वह कार्य पूर्ण हो जाता है,उत्साह भी बढ़ जाता है।
हर व्यक्ति का पसंदीदा कार्य खुशी जाहिर करने से ही पता चल जाता है कि उसे कौन सा कार्य बेहद पसंद है और हर कार्य को पूरा करने के लिए अलग अलग क्षेत्रों में अलग अलग तरीके का भिन्न भिन्न कार्य सौंपा जाता है।जो जीवन जीने का नया अर्थ नई दिशा नए आयाम स्थापित कर खोजते फिरते हैं और जब हमें वह कार्य पूर्ण करने के लिए हमारी पसंद के मुताबिक कार्य मिला हो तब हमें अर्थपूर्ण जीवन जी रहे हैं ऐसा लगता है।
उस नए प्रयासों से कार्य जब संपूर्ण हो जाता है तब हमें लगता है कि असली जीवन का उद्देश्य सफल हो गया है और जब हमारी पसंद के कार्य से संपर्क टूट जाता है तो हम बेवजह से परेशान हो जाते हैं,जीवन निरर्थक उदासीन रवैया अपनाने लगते हैं।
आधुनिक काल में हम असली व्यक्तित्व से दूर होते जा रहे हैं ,उचित खानपान ,रहन सहन, वेशभूषा ,आदर सत्कार ,मान सम्मान ,मर्यादा,लोक लाज रखना,धन दौलत ,कामयाबी के दौर में सभी कुछ भूलते ही जा रहे हैं।अपने मूलभूत आवश्यकताओं ,सुख सुविधाओं के साथ ही मूल स्वभाव को चिड़चिड़ा बना लिया है और अपनों से दूर कर दिया गया है जो जन जीवन पे हावी होते जा रहा है।
हमारे अंदर सजगता ,सरलता पूर्वक विचार ,ज्ञान को वैसे ही रहने दे ,आज के बनावटी खोखले जीवन जीने का तरीक़ा को बदल दें पहले जैसा ही समान्य जीवन जीने की कला सीखना ही बेहतर जीवन है।
बाहरी दिखावा साज सज्जा , फैशन डिजाइनर कपड़ों का अंबार लगा हुआ है जो बनावटी खोखले जीवन को दर्शाता है जो सात्विक विचार गुण प्रगट हो वैसे ही रहने देना चाहिए।
छोटी छोटी खुशियां अपने भीतर ही खोजें जीवन को खुल कर जिए,उसे उसी तरह जिए भरपूर आनंद का लाभ लें पुराने विचारों मान्यताओं ,परंपरा को थोपे नहीं किसी भी बातों विचारों को जोर जबरदस्ती से निभाने के लिए जोर ना दें जो चीजें पसंद हो उसे ही खुशी खुशी करें।
उन व्यक्तियों से दूर रहें जो नकारात्मक सोच विचार वाले हो हमारे भीतर जो बातें उत्सुकता जगाने वाला ना हो जो नापसंद हो उसे अपने तरीके से कायम रखने की कोशिश करें और जो कार्य अपनी पसंद की हो उसे जल्दी ही पूरा कर लें।
जीवन का असली मतलब अर्थ खोजते हुए जीवन जीने की कला उद्देश्य महान कार्य करना ऐसा नहीं है।शायद अच्छे माता पिता बनने या पड़ोसी की मदद करने किसी की सेवा दुःख दर्द कम करने में जो खुशी मिलती है वो दुगुनी हो जाती है।
जीने की कला सीखना या दूसरे लोगों के खुशियों के साथ जुड़ने के लिए कोई सटीक जानकारी या रणनीति नहीं है लेकिन हमने जो सीखा है जो हमें करना है उसे खोजने के लिए ज्यादा चिंतन मनन सोच विचार नहीं करना चाहिए।
जीवन अनबुझी पहेली या दांवपेंच नहीं जिसे हम हल करने में सारी सामर्थ्य शक्ति लगा दें सिर्फ ऐसी स्थिति में सकारात्मक सोच रखें।जिससे आप खुश हो आपकी पसंदीदा कार्य के साथ जुड़े रहे और उसी कार्य में व्यस्त रहें, हमेशा दोस्त , रिश्तेदारों के साथ या शादी विवाह अन्य सामाजिक गतिविधियों समारोह में शामिल होते रहें उनके साथ हंसी मजाक ,गप्प लड़ाते हुए पुरानी यादों को ताजा कर एक दूसरे में बांटे ताकि उन हसीन पलों को फिर से याद करके खुश हो लें।
एक दूसरे से मिलने जुलने से बातचीत करने से नई ऊर्जा शक्ति आ जाती है और चेहरे पे खुशी झलकती है। यही असली जीवन जीने की कला सिखाती है।
हमेशा जो भी कार्य करें उसके प्रति सजग सर्तक कार्यरत रहे ,अपनी पसंद के कार्य करते रहना चाहिए ताकि जीवन जीने के उद्देश्य से भटक ना जाएं,जो भी कार्य महत्वपूर्ण योगदान देती है उसे करते ही रहना चाहिए उस क्षेत्र में विकास कार्य अधिक मात्रा में शामिल होकर सोचे कि ये कार्य हमें पसंद है और उसमें दिलचस्पी लेना चाहिए।
एक दूसरे के कार्यों में दखलंदाजी नहीं करना चाहिए बल्कि दूसरों के काम में आने वाली चीजों या निर्माण कार्य में सहयोग देना चाहिए चाहे उम्र बीत जाए बुढ़ापे में भी स्वयं जिम्मेदार बनकर खुद के कार्य को पूर्ण रूप से करना चाहिए। चाहे वो कार्य बड़ा हो या छोटा हो।
प्रतिदिन सदा सुबह से रात्रि तक भागमभाग जल्दबाजी रहती है लेकिन जल्दबाजी नहीं करना चाहिए।जीवन जीने के लिए लंबी उम्र के लिए यह हानिकारक प्रभाव पड़ता है और हृदय गति तेजी से स्पंदन करती है।
बीमारियां घेर लेती है जो शरीर के लिए घातक सिद्ध होती है। कहावत चरितार्थ होती है कि लंबी रेस का घोड़ा कछुआ चाल चलकर धीमी गति से चलने पर भी आगे निकल कर जीत हासिल कर लेता है।
हम बिना बेवजह नाहक परेशानी मोल लेकर जल्दबाजी में लोगों की भीड़ को पीछे छोड़ कर आगे निकल जाते हैं लेकिन आने वाले समय में हम निरर्थक ही थक जाते हैं।
उचित खानपान रहन सहन से भी लंबी उम्र जीवन जीने की बेहद खूबसूरत कला है जो शरीर को स्वस्थ बनाए रखती है।स्वस्थ जीवन जीने के लिए पेटभर ठुसकर खाएं या फास्ट फूड खाएं इससे बेहतर है कि चीजें कम खाएं हेल्दी डाइट प्लान तैयार करें हरी सब्जियों का सेवन करें भरपूर प्रोटीन युक्त भोजन लें।
शुद्ध शाकाहारी भोजन खाएं इससे शरीर भी स्वस्थ दिमाग भी तेज होगा।
हमेशा अच्छे सोच विचार वाले के साथ ही रहने से टानिक का दवाई का काम करती है।इधर उधर की चिंता करने से अच्छा है कि व्याकुल मन को बैचेनी से दूर भगाने के लिए एक दूसरे से बातचीत कर खुशियों के कुछ पल बिता लें कुछ सलाह मशवरा करें ,कुछ अच्छे सोच विचार के साथ अच्छे कार्य करें अपने भीतर नई ऊर्जा शक्ति लाने के लिए खुलकर सामने बात रखें ताकि जीवन जीने की कला नई दिशा की ओर अग्रसर हो सके।।
खुश रहने के लिए जीवन जीने का फैसला खुद लें अपनी विपरीत परिस्थितियों को देखकर सही तरीके से निर्णय लें दुनिया को देखकर जो फैसले लेते हैं वो हमेशा दुख देते हैं।
*शशिकला व्यास*✍️
जय श्री राधेय जय श्री कृष्णा

Language: Hindi
Tag: लेख
185 Views
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