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7 Nov 2023 · 1 min read

जीत रही है जंग शांति की हार हो रही।

जीत रही है जंग शांति की हार हो रही।
मानव की चीत्कार ना जाने कहां खो रही।।
मानव बन कर दानव क्यों ललकार रहा है।
अमन चैन की कोशिश क्यों बेकार हो रही।।

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