Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
1 May 2024 · 1 min read

जीत कर तुमसे

हर ख़ुशी तुम पे वार जायेंगे।
जीत कर तुमसे हार जायेंगे।

ज़िन्दगी, मुस्कुरा के हम तेरा,
क़र्ज़ सारा उतार जायेंगे।

पेशरू दिक़्क़तें तभी होंगी,
आप हद से जो पार जायेंगे।

हम बहारों को लाके गुलशन की,
हर कली को निखार जायेंगे।

ख़ार कितने भी आयें रस्ते में,
हम कुचल कर ही पार जायेंगे।

‘शाद ‘ जो भी ग़म हैं हम उनको,
हंसते – हंसते गुज़ार जायेंगे।

डाॅ फ़ौज़िया नसीम शाद

Language: Hindi
5 Likes · 142 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Dr fauzia Naseem shad
View all

You may also like these posts

गालगागा गालगागा गालगागा
गालगागा गालगागा गालगागा
Neelam Sharma
आपका हर दिन तरक्की बाला हो,
आपका हर दिन तरक्की बाला हो,
Phool gufran
आपको देखकर _दिल को ऐसा लगा
आपको देखकर _दिल को ऐसा लगा
कृष्णकांत गुर्जर
शिक्षक ही तो देश का भाग्य निर्माता है
शिक्षक ही तो देश का भाग्य निर्माता है
gurudeenverma198
बोलता इतिहास 🙏
बोलता इतिहास 🙏
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
Just be like a moon.
Just be like a moon.
Satees Gond
नहीं जरूरी जिंदगी,
नहीं जरूरी जिंदगी,
sushil sarna
भर चुका मैल मन में बहुत
भर चुका मैल मन में बहुत
पूर्वार्थ
*भगवान गणेश जी के जन्म की कथा*
*भगवान गणेश जी के जन्म की कथा*
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
इंसान ऐसा ही होता है
इंसान ऐसा ही होता है
Mamta Singh Devaa
मुस्तक़िल जीना यहाँ किसको मयस्सर है भला
मुस्तक़िल जीना यहाँ किसको मयस्सर है भला
Monika Arora
सभी गम दर्द में मां सबको आंचल में छुपाती है।
सभी गम दर्द में मां सबको आंचल में छुपाती है।
सत्य कुमार प्रेमी
घुटन
घुटन
Preksha mehta
शिकायत
शिकायत
Ruchika Rai
मुक्तक
मुक्तक
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
दोहे
दोहे
अनिल कुमार निश्छल
"आम आदमी"
Shakuntla Agarwal
ओ परबत  के मूल निवासी
ओ परबत के मूल निवासी
AJAY AMITABH SUMAN
* मन कही *
* मन कही *
surenderpal vaidya
जिंदगी आईने से खुल जाती है सामने से
जिंदगी आईने से खुल जाती है सामने से
कवि दीपक बवेजा
दादी और बचपन
दादी और बचपन
Savitri Dhayal
कुंडलिया
कुंडलिया
आर.एस. 'प्रीतम'
ଏହା ହେଉଛି ଭଗବାନଙ୍କ ଭାଗ୍ୟ
ଏହା ହେଉଛି ଭଗବାନଙ୍କ ଭାଗ୍ୟ
Otteri Selvakumar
साहब का कुत्ता (हास्य-व्यंग्य कहानी)
साहब का कुत्ता (हास्य-व्यंग्य कहानी)
गुमनाम 'बाबा'
"सबक"
Dr. Kishan tandon kranti
चूल्हे पर रोटी बनाती माँ
चूल्हे पर रोटी बनाती माँ
Ashwini sharma
..
..
*प्रणय*
मौलिक विचार
मौलिक विचार
डॉ.एल. सी. जैदिया 'जैदि'
बहती नदी का करिश्मा देखो,
बहती नदी का करिश्मा देखो,
Buddha Prakash
3412⚘ *पूर्णिका* ⚘
3412⚘ *पूर्णिका* ⚘
Dr.Khedu Bharti
Loading...