Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
21 Nov 2023 · 1 min read

जिस अंधकार से विचलित तुम..

जिस अंधकार से विचलित तुम
उस अंधकार से आगे हूं…
जो मोहित कर बांधे मन को
उस हर बहार से आगे हूं…

जो विषय तुम्हारी चर्चा के
मै उनसे आगे निकल चुकी…
तुम बादल को गिनते रहना
मै बनके सूरज बिखर चुकी..
तुम जिस विचार पर अटके हो
मै उस विचार से आगे हूं…
तुम चाहे जितनी चोट करो
मै हर प्रहार से आगे हूं..

जितना तुमने जीवन देखा
उससे भी ज्यादा स्वप्न मेरे…
जितने पर हो संतोष तुम्हे
उससे भी ज्यादा जतन मेरे..
जो बीज तुम्हारी फसलों का
मै उन नस्लों से आगे हूं..
जिसमे तुम उलझे बै ठे हो
उन सब मसलों से आगे हूं..

कर्म ही अब पूजा मेरी
और कर्म मेरा विश्वास बना..
कर्मो से धरती हरियाई
और कर्म मेरा आकाश बना..
तुम उलझ गये जिस दुविधा में
उस हर दुविधा से आगे हूं…
तुम साधन कि मत बात करो
मै हर सुविधा से आगे हूं…

मै छोड़ चुकी जिन राहों को
तुमको अब भी उन पर चलना…
मै बन कर कुंदन निकल चुकी
पर तुमको अब भी है जलना
इस वक़्त के बहते झरने में
मै हर उड़ान से आगे हूं…
तुम भूत मेरा जपते रहना…
मै वर्तमान से आगे हूं…

जिस अंधकार से विचलित तुम
उस अंधकार से आगे हूं…
जो मोहकता मन को बांधे
उस हर बहार से आगे हूं.

Priya ch3✍️

©प्रिया मैथिल✍

Language: Hindi
17 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Follow our official WhatsApp Channel to get all the exciting updates about our writing competitions, latest published books, author interviews and much more, directly on your phone.
You may also like:
विचार
विचार
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
"झूठ और सच" हिन्दी ग़ज़ल
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
उड़े  हैं  रंग  फागुन के  हुआ रंगीन  है जीवन
उड़े हैं रंग फागुन के हुआ रंगीन है जीवन
Dr Archana Gupta
■ मौसमी दोहा
■ मौसमी दोहा
*Author प्रणय प्रभात*
अपने जीवन के प्रति आप जैसी धारणा रखते हैं,बदले में आपका जीवन
अपने जीवन के प्रति आप जैसी धारणा रखते हैं,बदले में आपका जीवन
Paras Nath Jha
*सुविचरण*
*सुविचरण*
DR ARUN KUMAR SHASTRI
परिचय- राजीव नामदेव राना लिधौरी
परिचय- राजीव नामदेव राना लिधौरी
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
!! कुछ दिन और !!
!! कुछ दिन और !!
Chunnu Lal Gupta
कदमों में बिखर जाए।
कदमों में बिखर जाए।
लक्ष्मी सिंह
जिन्दगी है की अब सम्हाली ही नहीं जाती है ।
जिन्दगी है की अब सम्हाली ही नहीं जाती है ।
Buddha Prakash
नववर्ष
नववर्ष
Vijay kumar Pandey
दोस्ती देने लगे जब भी फ़रेब..
दोस्ती देने लगे जब भी फ़रेब..
अश्क चिरैयाकोटी
*भूमिका ही जगत में मनुज निभाता है (घनाक्षरी)*
*भूमिका ही जगत में मनुज निभाता है (घनाक्षरी)*
Ravi Prakash
मतलब के रिश्ते
मतलब के रिश्ते
Anamika Singh
सबसे बड़ी त्रासदी
सबसे बड़ी त्रासदी
Shekhar Chandra Mitra
मौन आँखें रहीं, कष्ट कितने सहे,
मौन आँखें रहीं, कष्ट कितने सहे,
Arvind trivedi
रमजान में....
रमजान में....
Satish Srijan
अधर्म का उत्पात
अधर्म का उत्पात
Dr. Harvinder Singh Bakshi
तो क्या हुआ
तो क्या हुआ
Faza Saaz
कि  इतनी भीड़ है कि मैं बहुत अकेली हूं ,
कि इतनी भीड़ है कि मैं बहुत अकेली हूं ,
Mamta Rawat
चाहत का हर सिलसिला ही टूटा है।
चाहत का हर सिलसिला ही टूटा है।
Taj Mohammad
तोलेंगे सब कम मगर,
तोलेंगे सब कम मगर,
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
प्रेम
प्रेम
विमला महरिया मौज
हर पिता को अपनी बेटी को,
हर पिता को अपनी बेटी को,
Shutisha Rajput
सोचना है तो मेरे यार इस क़दर सोचो
सोचना है तो मेरे यार इस क़दर सोचो
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
🧟☠️अमावस की रात ☠️🧟
🧟☠️अमावस की रात ☠️🧟
SPK Sachin Lodhi
सब अपने नसीबों का
सब अपने नसीबों का
Dr fauzia Naseem shad
एक चिंगारी ही काफी है शहर को जलाने के लिए
एक चिंगारी ही काफी है शहर को जलाने के लिए
कवि दीपक बवेजा
राखी
राखी
Dr. Pradeep Kumar Sharma
जिसने अस्मत बेचकर किस्मत बनाई हो,
जिसने अस्मत बेचकर किस्मत बनाई हो,
Sanjay ' शून्य'
Loading...