Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
29 Jul 2016 · 1 min read

जिसे चाहकर भी भुलाया न गया

दिल से जिसे चाहकर भी भुलाया न गया।
आँखों में भी उन्हें फिर छुपाया न गया।

महकते गुलो की थी महकती सी खुशबू
उनसे भी ज़ख्म दिल का मिटाया न गया।

खामोशी भी रह रहकर यह एहसास दिलाने लगी
लफ्ज़ों के हुनर से भी जिसे समझाया न गया।

गैर होकर भी वो लगने लगे थे अपने से
अपने वो कैसे थे जिनसे हमें कभी अपनाया न गया।।।
कामनी गुप्ता ***

391 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Follow our official WhatsApp Channel to get all the exciting updates about our writing competitions, latest published books, author interviews and much more, directly on your phone.
Books from kamni Gupta
View all
You may also like:
बाबा साहब की अंतरात्मा
बाबा साहब की अंतरात्मा
जय लगन कुमार हैप्पी
कहाँ चले गए
कहाँ चले गए
TARAN SINGH VERMA
✍️✍️हौंसला✍️✍️
✍️✍️हौंसला✍️✍️
'अशांत' शेखर
ध्यान में इक संत डूबा मुस्कुराए
ध्यान में इक संत डूबा मुस्कुराए
Shivkumar Bilagrami
बड़ा हिज्र -हिज्र करता है तू ,
बड़ा हिज्र -हिज्र करता है तू ,
Rohit yadav
आँखों में आँसू लेकर सोया करते हो
आँखों में आँसू लेकर सोया करते हो
Gouri tiwari
ग़म-ए-दिल....
ग़म-ए-दिल....
Aditya Prakash
Apology
Apology
Mahesh Ojha
"ऐसा वक्त आएगा"
Dr. Kishan tandon kranti
ऊपरी इनकम पर आनलाईन के दुष्प्रभाव(व्यंग )
ऊपरी इनकम पर आनलाईन के दुष्प्रभाव(व्यंग )
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
वक्त बनाये, वक्त ही,  फोड़े है,  तकदीर
वक्त बनाये, वक्त ही, फोड़े है, तकदीर
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
.......... मैं चुप हूं......
.......... मैं चुप हूं......
Naushaba Suriya
महल चिन नेह का निर्मल, सुघड़ बुनियाद रक्खूँगी।
महल चिन नेह का निर्मल, सुघड़ बुनियाद रक्खूँगी।
डॉ.सीमा अग्रवाल
https://youtube.com/@pratibhaprkash?si=WX_l35pU19NGJ_TX
https://youtube.com/@pratibhaprkash?si=WX_l35pU19NGJ_TX
Dr.Pratibha Prakash
आस्तीक भाग -दस
आस्तीक भाग -दस
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
रास्ते जब कभी नहीं थकते
रास्ते जब कभी नहीं थकते
Dr fauzia Naseem shad
आइन-ए-अल्फाज
आइन-ए-अल्फाज
AJAY AMITABH SUMAN
*हीरे को परखना है,*
*हीरे को परखना है,*
नेताम आर सी
बोझ
बोझ
आकांक्षा राय
धनानि भूमौ पशवश्च गोष्ठे भार्या गृहद्वारि जनः श्मशाने। देहश्
धनानि भूमौ पशवश्च गोष्ठे भार्या गृहद्वारि जनः श्मशाने। देहश्
Satyaveer vaishnav
रेत घड़ी / मुसाफ़िर बैठा
रेत घड़ी / मुसाफ़िर बैठा
Dr MusafiR BaithA
23/20.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
23/20.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
हमारी निशानी मिटा कर तुम नई कहानी बुन लेना,
हमारी निशानी मिटा कर तुम नई कहानी बुन लेना,
Vaishnavi Gupta (Vaishu)
*भर दो गणपति देवता, हम में बुद्धि विवेक (कुंडलिया)*
*भर दो गणपति देवता, हम में बुद्धि विवेक (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
■ लघुकथा / भरोसा
■ लघुकथा / भरोसा
*Author प्रणय प्रभात*
विधा - गीत
विधा - गीत
Harminder Kaur
क्या मथुरा क्या काशी जब मन में हो उदासी ?
क्या मथुरा क्या काशी जब मन में हो उदासी ?
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
नाम दोहराएंगे
नाम दोहराएंगे
Dr.Priya Soni Khare
♥️राधे कृष्णा ♥️
♥️राधे कृष्णा ♥️
Vandna thakur
मोहब्बत तो आज भी
मोहब्बत तो आज भी
हिमांशु Kulshrestha
Loading...