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17 May 2024 · 1 min read

जिसको दिल में जगह देना मुश्किल बहुत।

गज़ल

212/212/212/212
जिसको दिल में जगह देना मुश्किल बहुत।
उसको अपना बना पाना मुश्किल बहुत।1

दीप जिसको बुझा दे ज़रा सी हवा,
उसका आंधी में टिक जाना मुश्किल बहुत।2

पैसे पैसे पे मरते जो उनके लिए,
दान में कौड़ी भी देना मुश्किल बहुत।3

धूप पानी हवा भी नहीं है जहां,
है न फूलों का मुस्काना मुश्किल बहुत।4

देश के वास्ते मरते उनके लिए,
इश्क दुश्मन से फरमाना मुश्किल बहुत।5

प्यार के चर्चें हैं आजकल हर तरफ,
हीर रांझा है बन पाना मुश्किल बहुत।6

इश्क में ‘प्रेमी’ मरना है बेहद सरल,
प्यार जी कर निभाना है मुश्किल बहुत।7

………✍️ सत्य कुमार प्रेमी

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