Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
24 Jan 2023 · 1 min read

जिसको छूटे हुए अब जमाना हुआ

उसके घर के आगे से निकल के आना हुआ.. ,
फिर ना उस गली से कभी आना जाना हुआ….. |

आज फिर उसकी मोहब्बत की याद आई मुझे ….,
जिसको हाथ से छूटे हुए कब का जमाना हुआ ||

22 Views
You may also like:
श्रृंगारिक दोहे
श्रृंगारिक दोहे
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
"मेरी दुनिया"
Dr Meenu Poonia
गम को भुलाया जाए
गम को भुलाया जाए
Dr. Sunita Singh
वक़्त बे-वक़्त तुझे याद किया
वक़्त बे-वक़्त तुझे याद किया
Anis Shah
दिल जानता है दिल की व्यथा क्या है
दिल जानता है दिल की व्यथा क्या है
कवि दीपक बवेजा
कब तक
कब तक
Surinder blackpen
एक दीये की दीवाली
एक दीये की दीवाली
Ranjeet Kumar
विचार मंच भाग - 6
विचार मंच भाग - 6
Rohit Kaushik
■ चिंतन / बदलाव...
■ चिंतन / बदलाव...
*Author प्रणय प्रभात*
भूख
भूख
श्री रमण 'श्रीपद्'
प्रीतम दोहावली
प्रीतम दोहावली
आर.एस. 'प्रीतम'
सत्य पथ पर (गीतिका)
सत्य पथ पर (गीतिका)
surenderpal vaidya
अब ना जीना किश्तों में।
अब ना जीना किश्तों में।
Taj Mohammad
साक्षात्कार- मनीषा मंजरी- नि:शब्द (उपन्यास)
साक्षात्कार- मनीषा मंजरी- नि:शब्द (उपन्यास)
Sahityapedia
जल से सीखें
जल से सीखें
Saraswati Bajpai
✍️नये सभ्यता के प्रयोगशील मानसिकता का विकास
✍️नये सभ्यता के प्रयोगशील मानसिकता का विकास
'अशांत' शेखर
आप से ज़िंदगी
आप से ज़िंदगी
Dr fauzia Naseem shad
टूटता तारा
टूटता तारा
Ashish Kumar
किरदार
किरदार
SAGAR
विचार
विचार
सोनम राय
अधरों पर शतदल खिले, रुख़ पर खिले गुलाब।
अधरों पर शतदल खिले, रुख़ पर खिले गुलाब।
डॉ.सीमा अग्रवाल
क्या ढूढे मनुवा इस बहते नीर में
क्या ढूढे मनुवा इस बहते नीर में
rekha mohan
सरस्वती वंदना
सरस्वती वंदना
Shailendra Aseem
💐प्रेम कौतुक-327💐
💐प्रेम कौतुक-327💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
रोशनी की भीख
रोशनी की भीख
Shekhar Chandra Mitra
जिंदगी की डगर में मुझको
जिंदगी की डगर में मुझको
gurudeenverma198
Gazal
Gazal
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
आना-जाना चल रहा, रोजाना का काम (कुंडलिया)
आना-जाना चल रहा, रोजाना का काम (कुंडलिया)
Ravi Prakash
जड़त्व
जड़त्व
Shyam Sundar Subramanian
कबले विहान होखता!
कबले विहान होखता!
पाण्डेय चिदानन्द "चिद्रूप"
Loading...