Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
9 Oct 2023 · 1 min read

जियो जी भर

छोटी सी जिंदगी
सबक बहुत बड़ा
रिश्ता रखो सबसे
उम्मीद किसी से नही।

उम्मीद रखनी है
तो रखो खुदा से
इंसान बदले कब
कि भरोसा नही

रोता है रोने दो
अपना क्या जाता है
कोई हंस रहा है
वो खुश कैसे हो रहा।

अंधेरा गहन है क्या
तो रोता क्यों है
सूर्योदय प्रमाण
उजाला होना ही है।

पर्वत ऊंचा नही
किसी आत्मविश्वास से
पैरों के तले होगा
जब चोटी पे पहुंचेगे।

बीत गई जिंदगी
कि ढूंढना क्या है
मालूम नही ये कि
जो हासिल है
उसे करना क्या है

पिंजरा तो पिंजरा
लोहा हो या सोना
फैला पंख तोड़ बंध
जो होना सो होना

संघर्ष है आमंत्रण
स्वीकारो आगे बढो
कमाओ नाम जग मे
जागो अब कुछ करो

सर्वाधिकार सुरक्षित
@ अश्वनी कुमार जायसवाल

प्रकाशित

Language: Hindi
2 Likes · 133 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Ashwani Kumar Jaiswal
View all

You may also like these posts

शब्दहीन स्वर
शब्दहीन स्वर
Jai Prakash Srivastav
सच्ची कविता
सच्ची कविता
Rambali Mishra
तू ही बता ,तू कैसा
तू ही बता ,तू कैसा
Abasaheb Sarjerao Mhaske
शक्ति
शक्ति
Mamta Rani
मैं हिन्दी हूं।
मैं हिन्दी हूं।
Acharya Rama Nand Mandal
चुलबुल परी
चुलबुल परी
डिजेन्द्र कुर्रे
गतिमान रहो
गतिमान रहो
श्रीकृष्ण शुक्ल
ये आँखे हट नही रही तेरे दीदार से, पता नही
ये आँखे हट नही रही तेरे दीदार से, पता नही
Tarun Garg
समाधान
समाधान
Sudhir srivastava
************ कृष्ण -लीला ***********
************ कृष्ण -लीला ***********
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
असल आईना
असल आईना
सिद्धार्थ गोरखपुरी
एक अरसा लगता है
एक अरसा लगता है
हिमांशु Kulshrestha
बचपन
बचपन
Indu Nandal
लक्ष्य या मन, एक के पीछे भागना है।
लक्ष्य या मन, एक के पीछे भागना है।
Sanjay ' शून्य'
"बढ़ते रहे"
Dr. Kishan tandon kranti
सूना- सूना घर लगे,
सूना- सूना घर लगे,
sushil sarna
'मर्यादा'
'मर्यादा'
Godambari Negi
*गाओ हर्ष विभोर हो, आया फागुन माह (कुंडलिया)
*गाओ हर्ष विभोर हो, आया फागुन माह (कुंडलिया)
Ravi Prakash
संवेदना
संवेदना
Anuja Kaushik
दो रुपए की चीज के लेते हैं हम बीस
दो रुपए की चीज के लेते हैं हम बीस
महेश चन्द्र त्रिपाठी
मोहब्बत
मोहब्बत
लक्ष्मी वर्मा प्रतीक्षा
मन ये मुस्कुराए
मन ये मुस्कुराए
Shinde Poonam
আজ চারপাশ টা কেমন নিরব হয়ে আছে
আজ চারপাশ টা কেমন নিরব হয়ে আছে
Chaahat
मन ही मन घबरा रहा था।
मन ही मन घबरा रहा था।
manorath maharaj
Beginning of the end
Beginning of the end
Bidyadhar Mantry
3054.*पूर्णिका*
3054.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
शिक्षा का उद्देश्य भूल गए, नव छात्र ये कर्म भूल गए
शिक्षा का उद्देश्य भूल गए, नव छात्र ये कर्म भूल गए
Dr.Pratibha Prakash
ये अश्क भी बे मौसम बरसात हो गए हैं
ये अश्क भी बे मौसम बरसात हो गए हैं
Gouri tiwari
#एहतियातन...
#एहतियातन...
*प्रणय*
जीवन तेरी नयी धुन
जीवन तेरी नयी धुन
कार्तिक नितिन शर्मा
Loading...