Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
29 May 2023 · 1 min read

जिन्दगी के हर सफे को …

मैने जिन्दगी के हर सफे को पलट करके देखा!
जो अब तलक न कर सका उसे झट करके देखा!!
इसी उलट-पलट मे न जाने कब जिन्दगी चुक गई?
दोस्त ज़नाजे मे जो आए तो मैने उठ करके देखा!!
किसी को मेरे जाने गम नही,न कोई चेहरे शिकन!
हुई खामख्वाह जिन्दगी बर्बाद, पलट करके देखा!!
‘बोधिसत्व’को तब जाकर हुआ सत्य का यह बोध!
बेमानी वक्त बाजीगरी, सिलवटै पलट करके देखा!!

सर्वाधिकार सुरक्षित मौलिक रचना बोधिसत्व कस्तूरी अधिवक्ता कवि पत्रकार 202, नीरव निकुंज Ph2 रॉयललोक फर्नीटू सिकंदरा आगरा के पीछे

Language: Hindi
331 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Bodhisatva kastooriya
View all
You may also like:
शराब नहीं पिया मैंने कभी, ना शराबी मुझे समझना यारों ।
शराब नहीं पिया मैंने कभी, ना शराबी मुझे समझना यारों ।
Dr. Man Mohan Krishna
"खामोशी"
Dr. Kishan tandon kranti
स्तुति - गणपति
स्तुति - गणपति
DR ARUN KUMAR SHASTRI
मनमाने तरीके से रिचार्ज के दाम बढ़ा देते हैं
मनमाने तरीके से रिचार्ज के दाम बढ़ा देते हैं
Sonam Puneet Dubey
अरे आज महफिलों का वो दौर कहाँ है
अरे आज महफिलों का वो दौर कहाँ है
VINOD CHAUHAN
दुश्मनों  को  मैं हुकार  भरता हूँ।
दुश्मनों को मैं हुकार भरता हूँ।
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
मैं कहां हूं तुम कहां हो सब कहां हैं।
मैं कहां हूं तुम कहां हो सब कहां हैं।
Prabhu Nath Chaturvedi "कश्यप"
रफ्ता रफ्ता हमने जीने की तलब हासिल की
रफ्ता रफ्ता हमने जीने की तलब हासिल की
कवि दीपक बवेजा
फ़र्ज़ ...
फ़र्ज़ ...
Shaily
जो वक्त से आगे चलते हैं, अक्सर लोग उनके पीछे चलते हैं।।
जो वक्त से आगे चलते हैं, अक्सर लोग उनके पीछे चलते हैं।।
Lokesh Sharma
बाल कविता: तितली रानी चली विद्यालय
बाल कविता: तितली रानी चली विद्यालय
Rajesh Kumar Arjun
अपने-अपने दम्भ की,
अपने-अपने दम्भ की,
sushil sarna
मनोरमा
मनोरमा
सुरेश अजगल्ले 'इन्द्र '
गंगा अवतरण
गंगा अवतरण
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
विश्व कविता दिवस
विश्व कविता दिवस
शालिनी राय 'डिम्पल'✍️
बद मिजाज और बद दिमाग इंसान
बद मिजाज और बद दिमाग इंसान
shabina. Naaz
शहर की गहमा गहमी से दूर
शहर की गहमा गहमी से दूर
हिमांशु Kulshrestha
23/194. *छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
23/194. *छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
वृक्षारोपण कीजिए
वृक्षारोपण कीजिए
अटल मुरादाबादी(ओज व व्यंग्य )
ख्वाहिशों के बोझ मे, उम्मीदें भी हर-सम्त हलाल है;
ख्वाहिशों के बोझ मे, उम्मीदें भी हर-सम्त हलाल है;
manjula chauhan
शब्द
शब्द
ओंकार मिश्र
👉अगर तुम घन्टो तक उसकी ब्रेकअप स्टोरी बिना बोर हुए सुन लेते
👉अगर तुम घन्टो तक उसकी ब्रेकअप स्टोरी बिना बोर हुए सुन लेते
पूर्वार्थ
इस दिल बस इतना ही इंतकाम रहे,
इस दिल बस इतना ही इंतकाम रहे,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
शब्द
शब्द
Neeraj Agarwal
आत्म  चिंतन करो दोस्तों,देश का नेता अच्छा हो
आत्म चिंतन करो दोस्तों,देश का नेता अच्छा हो
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
मेरी झोली मै कुछ अल्फ़ाज़ अपनी दुआओं के डाल दे ...
मेरी झोली मै कुछ अल्फ़ाज़ अपनी दुआओं के डाल दे ...
Neelofar Khan
सोचते हो ऐसा क्या तुम भी
सोचते हो ऐसा क्या तुम भी
gurudeenverma198
फिलहाल अंधभक्त धीरे धीरे अपनी संस्कृति ख़ो रहे है
फिलहाल अंधभक्त धीरे धीरे अपनी संस्कृति ख़ो रहे है
शेखर सिंह
Passion for life
Passion for life
Dr. Ramesh Kumar Nirmesh
!! स्वच्छता अभियान!!
!! स्वच्छता अभियान!!
जय लगन कुमार हैप्पी
Loading...