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11 Aug 2022 · 3 min read

“ जालंधर केंट टू अमृतसर ” ( यात्रा संस्मरण )

डॉ लक्ष्मण झा “ परिमल “

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कलकत्ता कमांड अस्पताल से मेरी पोस्टिंग मिलिटरी अस्पताल जालंधर केंट हो गयी ! मैरीड एकोमॉडेशन के उपलब्धता के कारण मुझे अपने अस्पताल से तकरीबन 1.5 किलोमीटर दूरी पर सलोनिका लाइन काम्प्लेक्स में

एकोमॉडेशन मिल गया ! अस्पताल आना -जाना और ड्यूटी करना इसके लिए मैंने जालंधर सिटी से एक बजाज चेतक मोडेल 1997 नया स्कूटर दादा मोटर्स से खरीदा ! थोड़ा बहुत कुछ चलाना जानता था ! अब और हाथ साफ करने का मौका मिल रहा था ! जो देखते वे बधाई और शुभकामना देते थे ! एक दो मित्रों ने कहा ,—-

“अरे भाई ,कहीं लॉंग ड्राइव पर जाओ तब तुम्हारा कॉन्फीडेस बढ़ेगा !”

मेरी भी लालसा जगने लगी कि मुझे कहीं लॉंग ड्राइव पर निकालना चाहिए !

12. जून 1997 रात 11 बजे Operation Theatre से कॉल आया ! Acute Appendicitis केस था ! एक घंटा में Laparotomy Operation हो गया ! Operation Theatre के बाहर टॉइलेट में लघु शंका करने गया ! गर्मी बहुत थी ! मैंने हवा के लिए खिड़की खोल दी ! खिड़की के खुलने के बाद ही दो तत्यया या यूं कहें पीली बिरनी उड़कर मुझे मेरे ओठ को डंक मार गए ! अब मत पूंछिए मेरा हाल ! जलन और दर्द से मैं कराह उठा ! Operation Theatre में soframycine था उसे तात्कालिक लगा लिया ! फिर भी मुझे राहत ना मिली ! मुँह में सूजन आने लगा !

ग्राउन्ड फ्लोर में Medical Inspection Room था ! आज रात भर के लिए मेजर डॉक्टर बी 0 देवनाथ ड्यूटी मेडिकल ऑफिसर थे ! अभी -अभी OT में उन्होंने एनेस्थेसीआ दिया ! वह ग्रैडेड एनेस्थेसीओलोजिस्ट थे ! उनके पास मैं पहुँच गया !

उन्होंने पूछा ,–

“ झा साहिब ! क्या हो गया ? “

मैंने सब कुछ बताया ! उन्होंने मुझे MI Room में डिटैन कर दिया ! मुझे बिस्तर पर लिटा दिया !

उन्होंने तुरंत इन्जेक्शन Avil 1 amp मेरे बाँह में लगा दिया और दूसरा इन्जेक्शन Sodabicarb 1 amp मेरे Vein में धीरे -धीरे डाल दिया ! मेजर देवनाथ ने कहा ,–

“ देखिए झा साहिब ! एक दो घंटे आपको डिटैन रखना पड़ेगा उसके बाद आप घर जा सकते हैं ! “

ठीक 4 बजे सुबह मेजर देवनाथ ने मुझे देखा और मेरे Prescription में Tab Avil लिखा और दो दिनों का Bed Rest दे दिया ! अंबुलेंस गाड़ी से मैं अपने Quarter आ गया !

13 और 14 तारीख मेरा पूर्ण अवकाश हो गया ! इसी सुअवसर का सदुपयोग मैं करना चाह रहा था ! आभा को एम 0 ए 0 इंग्लिश लेकर जालंधर पंजाब के किसी कॉलेज में प्रवेश लेना था ! इसकी अनुमति गुरु नानक देव विश्वविद्यालय ,अमृतसर के कुलपति से लेना था ! अमृतसर, जालंधर केंट से तकरीबन 87.5 km दूर है ! आभा के सारे पेपर को ले लिया और अपने फौजी पोशाक में अलंकृत होकर निकल पड़े लॉंग ड्राइव में !

मुझे यह भलीभाँति पता था कि मुझे दो इन्जेक्शन लगाए गए हैं ! इस इन्जेक्शन से नींद भी आ सकती है ! पर मुझे इसका कोई असर ही नहीं दिख रहा था ! इसलिए चल दिया लॉंग ड्राइव पर !

GT Road का सफर जालंधर सिटी से प्रारंभ हो गया ! सफर का आनंद लेता रहा ! एक दो जगहों पर रुक कर मैंने चाय भी पी ! नया चेतक स्कूटर बहुत अच्छी चल रही थी ! सड़क के किनारे आम के पेड़ लगे थे ! उसमें कच्चे -कच्चे आम देखने को मिल रहे थे !

पर ना जाने क्या हुआ ? अमृतसर से 10 km पहले मेरा एक्सीडेंट हो गया ! मुझे होश नहीं ! कहते हैं सड़क के किनारे दुकान वालों ने मुझे बीच सड़क से उठाया ! खाट पर लिटाया ! पानी के छींटे मेरे मुँह पर मारे फिर होश आया ! दुकानदार ने मुझसे पूछा ,–

“ अब आप कैसे हैं ? “

मेरी आँखों में नींद आ रही थी ! मैं अपने को सुस्त अनुभव कर रहा था ! मैं कुछ भूला -भूला सा लग रहा था !

मैनें जवाब दिया ,–

“ ठीक हूँ !……..मैंने शराब नहीं पी रखी है !“

“ नहीं नहीं ,वो तो आप स्कूटर चलाते -चलाते सो गए थे ! रव दी मेहरबानी आप चंगें हो !“

मैंने फिर पूछा , “ अमृतसर यूनिवर्सिटी यहाँ से कितनी दूर है ?”

‘ अरे साहिब ,आप समझो पहुँच ही गए हो ! यहाँ से 10 km”

नींद का एहसास हो रहा था ! यूनिवर्सिटी के काम को समाप्त किया ! फिर अमृतसर से जालंधर केंट के लिए चल पड़ा ! शाम 5 बजे जालंधर सिटी पहुँचा और पहले दादा मोटर्स जालंधर में अपना स्कूटर रिपेयर कराया ! फिर अपने घर 7 बजे शाम को पहुँचा ………………………….!

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डॉ लक्ष्मण झा “ परिमल “

साउंड हेल्थ क्लिनिक

एस ० पी ० कॉलेज रोड

दुमका

झारखंड

भारत

11.08.2022

Language: Hindi
Tag: संस्मरण
1 Like · 94 Views
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