Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
5 Dec 2022 · 1 min read

जाति

जाति देखकर
काम मिलता है
जाति देखकर ही
नाम!
जाति देखकर
भीख मिलती है
जाति देखकर ही
दान!
जाति देखकर
सम्मान मिलता है
जाति देखकर ही
अपमान!
जाति देखकर
मकान मिलता है!
जाति देखकर ही
श्मसान!!
हम जाति से बचकर
जाएं भी तो कहां?
Shekhar Chandra Mitra
#adiwasi #kartikbhil #इंसाफ
#tribeslivematter #justice #न्याय
#दलित #पिछड़ा #बहुजन #शूद्र #शोषण #अत्याचार #अपमान #धर्म #संस्कृति #Caste
#मनुवाद #आदिवासी #discrimination
#casteist_media #Casteist_BCCI
#Casteist_Collegium #lynching

Language: Hindi
173 Views
You may also like:
कोयल कूके
कोयल कूके
Vindhya Prakash Mishra
"याद रहे"
Dr. Kishan tandon kranti
"काहे का स्नेह मिलन"
Dr Meenu Poonia
पहाड़ी भाषा काव्य ( संग्रह )
पहाड़ी भाषा काव्य ( संग्रह )
श्याम सिंह बिष्ट
क्यों मैं इतना बदल गया
क्यों मैं इतना बदल गया
gurudeenverma198
मिले तो हम उनसे पहली बार
मिले तो हम उनसे पहली बार
DrLakshman Jha Parimal
कुछ तो अच्छा छोड़ कर जाओ आप
कुछ तो अच्छा छोड़ कर जाओ आप
Shyam Pandey
रिश्तों को कभी दौलत की
रिश्तों को कभी दौलत की
rajeev ranjan
कैलेंडर
कैलेंडर
Shiva Awasthi
💐प्रेम कौतुक-163💐
💐प्रेम कौतुक-163💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
दुनिया तेज़ चली या मुझमे ही कम रफ़्तार थी,
दुनिया तेज़ चली या मुझमे ही कम रफ़्तार थी,
गुप्तरत्न
बोगेनविलिया
बोगेनविलिया
नील पदम् Deepak Kumar Srivastava (दीपक )(Neel Padam)
चलती है जिन्दगी
चलती है जिन्दगी
डॉ. शिव लहरी
श्वान प्रेम
श्वान प्रेम
Satish Srijan
*आस्था*
*आस्था*
Dushyant Kumar
■ नाम_ही_काफी_है...
■ नाम_ही_काफी_है...
*Author प्रणय प्रभात*
रिश्ते-नाते गौण हैं, अर्थ खोय परिवार
रिश्ते-नाते गौण हैं, अर्थ खोय परिवार
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
ज़िंदगी के कई मसाइल थे
ज़िंदगी के कई मसाइल थे
Dr fauzia Naseem shad
शक्ति का पूंजी मनुष्य की मनुष्यता में है।
शक्ति का पूंजी मनुष्य की मनुष्यता में है।
प्रेमदास वसु सुरेखा
वज्रमणि
वज्रमणि
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
कल मालूम हुआ हमें हमारी उम्र का,
कल मालूम हुआ हमें हमारी उम्र का,
Shivam Sharma
कहूं कैसे भोर है।
कहूं कैसे भोर है।
Pt. Brajesh Kumar Nayak
Success_Your_Goal
Success_Your_Goal
Manoj Kushwaha PS
*दया करो हे नाथ हमें, मन निरभिमान का वर देना 【भक्ति-गीत】*
*दया करो हे नाथ हमें, मन निरभिमान का वर देना 【भक्ति-गीत】*
Ravi Prakash
छोड़ दूं क्या.....
छोड़ दूं क्या.....
Ravi Ghayal
शहर के माहौल
शहर के माहौल
Shekhar Chandra Mitra
नहीं लगता..
नहीं लगता..
Rekha Drolia
रिटर्न गिफ्ट
रिटर्न गिफ्ट
विनोद सिल्ला
पुष्पवाण साधे कभी, साधे कभी गुलेल।
पुष्पवाण साधे कभी, साधे कभी गुलेल।
डॉ.सीमा अग्रवाल
अभी गहन है रात.......
अभी गहन है रात.......
Parvat Singh Rajput
Loading...