Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
29 Jan 2017 · 1 min read

ज़िन्दगी

एक झोंके ने
कुछ बातें पुरानी,
ताज़ा बना गई ।
मोतियों की चमक,
साँसों की गुलाबी
महक छा गई ।
कुछ परतें
जमी थी जिल्दों पर,
पन्ने फड़फड़ा उठे
रंग-बिरंगी ,
दफ़्न तस्वीरें
नज़र आ गईं ।
टुकड़ों में बंटी
तितर-बितर फैली,
गाल फुलाए अकड़ी ,
अब तक की ज़िन्दगी ,
नज़र पीछे सरसरी जो डाली,
बेचारी नज़र आ गई !

नरेन्द्र ।

330 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Follow our official WhatsApp Channel to get all the exciting updates about our writing competitions, latest published books, author interviews and much more, directly on your phone.
You may also like:
ग़ज़ल
ग़ज़ल
इंजी. लोकेश शर्मा (लेखक)
दो अक्षर में कैसे बतला दूँ
दो अक्षर में कैसे बतला दूँ
Harminder Kaur
पिता अम्बर हैं इस धारा का
पिता अम्बर हैं इस धारा का
Nitu Sah
"स्वप्न".........
Kailash singh
Herons
Herons
Buddha Prakash
" सिर का ताज हेलमेट"
Dr Meenu Poonia
💐प्रेम कौतुक-395💐
💐प्रेम कौतुक-395💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
ਤਰੀਕੇ ਹੋਰ ਵੀ ਨੇ
ਤਰੀਕੇ ਹੋਰ ਵੀ ਨੇ
Surinder blackpen
दोहा
दोहा
दुष्यन्त 'बाबा'
कल कई मित्रों ने बताया कि कल चंद्रयान के समाचार से आंखों से
कल कई मित्रों ने बताया कि कल चंद्रयान के समाचार से आंखों से
Sanjay ' शून्य'
ये तनहाई
ये तनहाई
DR ARUN KUMAR SHASTRI
आप और हम जीवन के सच
आप और हम जीवन के सच
Neeraj Agarwal
✍️सिर्फ मजार रहेगी✍️
✍️सिर्फ मजार रहेगी✍️
'अशांत' शेखर
तांका
तांका
Ajay Chakwate *अजेय*
ऐसी विकट परिस्थिति,
ऐसी विकट परिस्थिति,
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
"उम्मीदों की जुबानी"
Dr. Kishan tandon kranti
Asman se khab hmare the,
Asman se khab hmare the,
Sakshi Tripathi
हमनें नज़रें अदब से झुका ली।
हमनें नज़रें अदब से झुका ली।
Taj Mohammad
अगर प्रफुल्ल पटेल
अगर प्रफुल्ल पटेल
*Author प्रणय प्रभात*
हम कलियुग के प्राणी हैं/Ham kaliyug ke prani Hain
हम कलियुग के प्राणी हैं/Ham kaliyug ke prani Hain
Shivraj Anand
THE B COMPANY
THE B COMPANY
Dhriti Mishra
ये उदास शाम
ये उदास शाम
shabina. Naaz
वाह ग़ालिब तेरे इश्क के फतवे भी कमाल है
वाह ग़ालिब तेरे इश्क के फतवे भी कमाल है
Vishal babu (vishu)
नौजवानों से अपील
नौजवानों से अपील
Shekhar Chandra Mitra
*संपूर्ण रामचरितमानस का पाठ : दैनिक रिपोर्ट*
*संपूर्ण रामचरितमानस का पाठ : दैनिक रिपोर्ट*
Ravi Prakash
देखा है जब से तुमको
देखा है जब से तुमको
Ram Krishan Rastogi
बचपन में थे सवा शेर
बचपन में थे सवा शेर
VINOD KUMAR CHAUHAN
उन शहीदों की कहानी
उन शहीदों की कहानी
gurudeenverma198
माँ मेरी परिकल्पना
माँ मेरी परिकल्पना
Dr Manju Saini
प्रदीप छंद और विधाएं
प्रदीप छंद और विधाएं
Subhash Singhai
Loading...