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21 Feb 2024 · 1 min read

ज़िंदगी मेरी दर्द की सुनामी बनकर उभरी है

ज़िंदगी मेरी दर्द की सुनामी बनकर उभरी है
ज़िंदगी मेरी, तेरी कहानी बनकर उभरी है
मैंने कुरेदा है जब भी अपने जख्मों को
मेरी ज़िंदगी तेरी निशानी बनकर उभरी है

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