Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
12 Apr 2023 · 1 min read

ज़िंदगी ज़िंदगी ही होतीं हैं

पढ़ के देखें जिसे, किताब नहीं ।
ज़िंदगी, ज़िंदगी ही होती है ।।

डाॅ फौज़िया नसीम शाद

Language: Hindi
Tag: शेर
6 Likes · 407 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Dr fauzia Naseem shad
View all

You may also like these posts

*पावन धरा*
*पावन धरा*
Rambali Mishra
23/192. *छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
23/192. *छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
शिवाजी का प्रश्न(क्या सुसुप्त तुम्हारा ज़मीर है )
शिवाजी का प्रश्न(क्या सुसुप्त तुम्हारा ज़मीर है )
पं अंजू पांडेय अश्रु
कुछ इस तरह से खेला
कुछ इस तरह से खेला
Dheerja Sharma
लघुकथा - घर का उजाला
लघुकथा - घर का उजाला
अशोक कुमार ढोरिया
मेरी अर्थी🌹
मेरी अर्थी🌹
Aisha Mohan
खुशामद किसी की अब होती नहीं हमसे
खुशामद किसी की अब होती नहीं हमसे
gurudeenverma198
खुशी -उदासी
खुशी -उदासी
SATPAL CHAUHAN
राजनीति की नई चौधराहट में घोसी में सभी सिर्फ़ पिछड़ों की बात
राजनीति की नई चौधराहट में घोसी में सभी सिर्फ़ पिछड़ों की बात
Anand Kumar
" शिक्षक "
Dr. Kishan tandon kranti
ये ज़िंदगी.....
ये ज़िंदगी.....
Mamta Rajput
आबो-हवा बदल रही है आज शहर में ।
आबो-हवा बदल रही है आज शहर में ।
Prabhu Nath Chaturvedi "कश्यप"
बाबुल का आंगन
बाबुल का आंगन
Mukesh Kumar Sonkar
अफसोस मेरे दिल पे ये रहेगा उम्र भर ।
अफसोस मेरे दिल पे ये रहेगा उम्र भर ।
Phool gufran
कुछ नही मिलता आसानी से,
कुछ नही मिलता आसानी से,
manjula chauhan
अंतस  सूरत  आपरी, अवळूं घणीह आय।
अंतस सूरत आपरी, अवळूं घणीह आय।
जितेन्द्र गहलोत धुम्बड़िया
Remembering that winter Night
Remembering that winter Night
Bidyadhar Mantry
आप ही बदल गए
आप ही बदल गए
Pratibha Pandey
मजदूर दिवस पर एक रचना
मजदूर दिवस पर एक रचना
sushil sarna
प्रीतम के दोहे
प्रीतम के दोहे
आर.एस. 'प्रीतम'
इश्क़ कमा कर लाए थे...💐
इश्क़ कमा कर लाए थे...💐
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
आया बाढ़ पहाड़ पे🙏
आया बाढ़ पहाड़ पे🙏
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
अज़ीज़-ए-दिल को भी खोना नसीब है मेरा
अज़ीज़-ए-दिल को भी खोना नसीब है मेरा
आकाश महेशपुरी
साकार नहीं होता है
साकार नहीं होता है
हिमांशु बडोनी (दयानिधि)
■ बात बात में बन गया शेर। 😊
■ बात बात में बन गया शेर। 😊
*प्रणय*
वर्षा रानी आ घर तु इस बार
वर्षा रानी आ घर तु इस बार
Radha Bablu mishra
*अज्ञानी की कलम*
*अज्ञानी की कलम*
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
ग़ज़ल (मिलोगे जब कभी मुझसे...)
ग़ज़ल (मिलोगे जब कभी मुझसे...)
डॉक्टर रागिनी
आचार्य - डॉ अरुण कुमार शास्त्री - एक अबोध बालक
आचार्य - डॉ अरुण कुमार शास्त्री - एक अबोध बालक
DR ARUN KUMAR SHASTRI
विशाल नन्हा
विशाल नन्हा
Shekhar Deshmukh
Loading...