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31 Jan 2023 · 1 min read

ज़िंदगीभर का साथ

है यही अर्ज़ तुझसे
तू मुझको अब मशहूर कर दे
और कुछ नहीं चाहिए
तू मुझसे इश्क ज़रूर कर ले

बनकर लैला मेरी तू
मुझको मजनूं तस्लीम कर दे
देकर जगह दिल में अपने
अब मुझे तू तरमीम कर दे

फूल पतों और इन शाखों से
अब तू मुझको आज़ाद कर दे
चुराकर इस ज़माने की नज़रों से
अब तू अपने दिल में कैद कर दे

छोड़ दे शर्माना अब तो
मेरी दोस्ती कबूल कर ले
मानकर मुझको भंवरा
तू खुद को फूल कर ले

छोड़कर ज़माने का डर
खुद को मेरे हवाले कर दे
बनाकर कोई भी बहाना
मिलकर मुझे दीवाना कर दे

तेरे दिन रात, सुबह शाम
तू अब मेरे नाम कर दे
कर इतनी इनायत मुझपर
मुझे अपना साया कर दे

और कुछ नहीं चाहिए अब मुझे
बस अपना हाथ मुझे सौंप दे
उजाला बनकर राह का मेरी
तू बस ज़िंदगीभर मेरा साथ दे।

Language: Hindi
7 Likes · 2 Comments · 946 Views
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