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16 Aug 2016 · 1 min read

ज़िंदगानी बदल चुकी लाला

ज़िंदगानी बदल चुकी लाला
अब कहानी बदल चुकी लाला

अब यहाँ कोई भी नहीं राजा
रात रानी बदल चुकी लाला

मौत बरहक़’ सुना हैं साँसो ने
अब रवानी बदल चुकी लाला

आँसुओं की कतार समझा कर
आँख पानी बदल चुकी लाला

अब मुहब्बत कहाँ मुहब्बत है
अपने म’आनी बदल चुकी लाला

आदमी ‘ आदमी ‘ नहीं लगता
हर निशानी बदल चुकी लाला

– नासिर राव

2 Comments · 590 Views
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