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9 Oct 2022 · 1 min read

ज़मीर की आवाज़

हमें आज़ादी के ख़्वाबों को
एक बुनियाद तो देनी होगी!
पिंजरे में क़ैद परिंदों को
एक परवाज़ तो देनी होगी!!
माना कि यहां सच बोलना
अब ख़तरे से खाली नहीं!
अपने ज़मीर को फिर भी
एक आवाज़ तो देनी होगी!!
#इंकलाब #Revolution #विद्रोह
#बहुजन_नायक #क्रांति #आक्रोश
#दलित #लेखक #बुद्धिजीवी

Language: Hindi
82 Views
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