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1 Feb 2022 · 1 min read

जहां तेरे यादों का अफताब ना हो

सुन कुहू कुहू कोयल के,
देख रंग बिरंगी फुलों को,
बसंत के आगमन से,
मेरा दिल भी विचलित हो गया,
तेरे यादों को अपने गलियारों में देख।

ना जाने क्यों तु फिर आ गए,
मेरे मन को बहलाने को,
दर्द होता है मुझे, तड़पती हुई हर पल,
यह बात क्यों ना समझ पाते तुम,
बार बार आ के मेरे सपनों,
यु क्यों मेरा दिल तोड़ जाते हो।

समझा के तुम्हरे यादों को ,
थक चुकी में,
छुपाए अपने ग़म की दुनिया से,
उव गई में,
करती हु गुजारिश फिर से तुम्हें,
अपने यादों को कर दो मना,
मेरे सामने ना आए वे,
जीने दे अपने ज़िन्दगी मुझे,
जहां तेरे यादों कि आफताब ना हो।

Language: Hindi
Tag: कविता
2 Comments · 275 Views

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