Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
26 Mar 2023 · 1 min read

जहां तक रास्ता दिख रहा है वहां तक पहुंचो तो सही आगे का रास्त

जहां तक रास्ता दिख रहा है वहां तक पहुंचो तो सही आगे का रास्ता वहीं पर से दिखेगा
@दिनेशशुक्ल

1 Like · 149 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
खुद के करीब
खुद के करीब
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
#justareminderekabodhbalak
#justareminderekabodhbalak
DR ARUN KUMAR SHASTRI
आकर मेरे ख्वाबों में, पर वे कहते कुछ नहीं
आकर मेरे ख्वाबों में, पर वे कहते कुछ नहीं
Ram Krishan Rastogi
मुस्कान हुई मौन
मुस्कान हुई मौन
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
गमों के समंदर में।
गमों के समंदर में।
Taj Mohammad
मत्तगयंद सवैया ( राखी )
मत्तगयंद सवैया ( राखी )
संजीव शुक्ल 'सचिन'
सपने सारे टूट चुके हैं ।
सपने सारे टूट चुके हैं ।
Arvind trivedi
माँ की वंदना
माँ की वंदना
Buddha Prakash
उठो युवा तुम उठो ऐसे/Uthao youa tum uthao aise
उठो युवा तुम उठो ऐसे/Uthao youa tum uthao aise
Shivraj Anand
" राज "
Dr Meenu Poonia
मेरी माटी मेरा देश
मेरी माटी मेरा देश
नूरफातिमा खातून नूरी
नव प्रबुद्ध भारती
नव प्रबुद्ध भारती
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
मानव मूल्य शर्मसार हुआ
मानव मूल्य शर्मसार हुआ
Bodhisatva kastooriya
उसकी दाढ़ी का राज
उसकी दाढ़ी का राज
gurudeenverma198
जाते हो किसलिए
जाते हो किसलिए
Dr. Sunita Singh
औरों की उम्मीदों में
औरों की उम्मीदों में
DEVSHREE PAREEK 'ARPITA'
रात गुज़र जायेगी यूं ही
रात गुज़र जायेगी यूं ही
Surinder blackpen
आखिरी दिन होगा वो
आखिरी दिन होगा वो
shabina. Naaz
राधा-कृष्ण के प्यार
राधा-कृष्ण के प्यार
Shekhar Chandra Mitra
हादसा जब कोई
हादसा जब कोई
Dr fauzia Naseem shad
धर्मी जब खुल कर नंगे होते हैं।
धर्मी जब खुल कर नंगे होते हैं।
Dr MusafiR BaithA
💐कुछ तराने नए सुनाना कभी💐
💐कुछ तराने नए सुनाना कभी💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
मैं जान लेना चाहता हूँ
मैं जान लेना चाहता हूँ
Ajeet Malviya Lalit
*तिल के लड्‌डू-मूँगफली, पापड़-खिचड़ी की धूम मची (मुक्तक)*
*तिल के लड्‌डू-मूँगफली, पापड़-खिचड़ी की धूम मची (मुक्तक)*
Ravi Prakash
✍️गुमसुम सी रातें ✍️
✍️गुमसुम सी रातें ✍️
Vaishnavi Gupta (Vaishu)
2554.पूर्णिका
2554.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
जोशीला
जोशीला
RAKESH RAKESH
✍️ये केवल संकलन है,पाठकों के लिये प्रस्तुत
✍️ये केवल संकलन है,पाठकों के लिये प्रस्तुत
'अशांत' शेखर
चाहे मिल जाये अब्र तक।
चाहे मिल जाये अब्र तक।
Satish Srijan
कुछ मुक्तक...
कुछ मुक्तक...
डॉ.सीमा अग्रवाल
Loading...