Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
28 Nov 2016 · 1 min read

जश्न

आओ
आज रात जश्न मनायें।
हम जागें ,
साकी को जगाएं
पैमाने फिर फिर भरे जायें

डग मग क़दमों से
कोई जाता है।
उसे थामो।
उसने शायद कम पी है।
उसे और पिलायें
आओ जश्न मनायें।

Language: Hindi
576 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Follow our official WhatsApp Channel to get all the exciting updates about our writing competitions, latest published books, author interviews and much more, directly on your phone.
You may also like:
*गम को यूं हलक में  पिया कर*
*गम को यूं हलक में पिया कर*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
मुक़्तज़ा-ए-फ़ितरत
मुक़्तज़ा-ए-फ़ितरत
Shyam Sundar Subramanian
माँ कूष्माण्डा
माँ कूष्माण्डा
Vandana Namdev
Ranjeet Kumar Shukla
Ranjeet Kumar Shukla
Ranjeet Kumar Shukla
मांग रहा हूँ जिनसे उत्तर...
मांग रहा हूँ जिनसे उत्तर...
Dr. Rajendra Singh 'Rahi'
'क्यों' (हिन्दी ग़ज़ल)
'क्यों' (हिन्दी ग़ज़ल)
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
उम्मीद का दामन थामें बैठे हैं।
उम्मीद का दामन थामें बैठे हैं।
Taj Mohammad
हिंदू कट्टरवादिता भारतीय सभ्यता पर इस्लाम का प्रभाव है
हिंदू कट्टरवादिता भारतीय सभ्यता पर इस्लाम का प्रभाव है
Utkarsh Dubey “Kokil”
रिंगटोन
रिंगटोन
पूनम झा 'प्रथमा'
✍️बारिश का मज़ा ✍️
✍️बारिश का मज़ा ✍️
Vaishnavi Gupta (Vaishu)
वक्त लगता है
वक्त लगता है
कवि दीपक बवेजा
“मैं क्यों कहूँ मेरी लेखनी तुम पढ़ो”
“मैं क्यों कहूँ मेरी लेखनी तुम पढ़ो”
DrLakshman Jha Parimal
बेटियां
बेटियां
rubichetanshukla रुबी चेतन शुक्ला
आसमां में चांद अकेला है सितारों के बीच
आसमां में चांद अकेला है सितारों के बीच
ठाकुर प्रतापसिंह "राणाजी"
जो किसी से ख़फ़ा
जो किसी से ख़फ़ा
Dr fauzia Naseem shad
हमारा प्यारा गणतंत्र दिवस
हमारा प्यारा गणतंत्र दिवस
Ram Krishan Rastogi
फितरत सियासत की
फितरत सियासत की
लक्ष्मी सिंह
✍️सबक✍️
✍️सबक✍️
'अशांत' शेखर
श्रावण सोमवार
श्रावण सोमवार
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
हर ख्याल से तुम खुबसूरत हो
हर ख्याल से तुम खुबसूरत हो
Swami Ganganiya
जीवन व्यर्थ नही है
जीवन व्यर्थ नही है
अनूप अम्बर
अपने वीर जवान
अपने वीर जवान
डॉ०छोटेलाल सिंह 'मनमीत'
कलियुगी रिश्ते!
कलियुगी रिश्ते!
Saransh Singh 'Priyam'
■ आज की मांग
■ आज की मांग
*Author प्रणय प्रभात*
*एक आदमी आम (गीत)*
*एक आदमी आम (गीत)*
Ravi Prakash
इरादे नहीं पाक,
इरादे नहीं पाक,
Satish Srijan
मौसम ने भी ली अँगड़ाई, छेड़ रहा है राग।
मौसम ने भी ली अँगड़ाई, छेड़ रहा है राग।
डॉ.सीमा अग्रवाल
दो शे'र
दो शे'र
डॉक्टर वासिफ़ काज़ी
जीवन और दर्द
जीवन और दर्द
Anamika Singh
खुद से मुहब्बत
खुद से मुहब्बत
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
Loading...