Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
10 Sep 2016 · 1 min read

जवानियाँ प्रणम्य हैं।

हमको दिलातीं याद शहीदों की बार बार देश में बनी हैं जो निशानियाँ प्रणम्य हैं।
प्रेरणा बनी हैं आज बलिदान देने हेतु बलिदानियों की वो कहानियाँ प्रणम्य हैं।
जिनकी रगों में रक्त मारता उबाल रहा रक्त की वो आज भी रवानियाँ प्रणम्य हैं।
भारती के मान स्वाभिमान हेतु जान दे जो गईं हैं जवानियाँ जवानियाँ प्रणम्य हैं।।

प्रदीप कुमार “प्रदीप”

Language: Hindi
243 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Follow our official WhatsApp Channel to get all the exciting updates about our writing competitions, latest published books, author interviews and much more, directly on your phone.
You may also like:
✍️पढ़ रही हूं ✍️
✍️पढ़ रही हूं ✍️
Vaishnavi Gupta (Vaishu)
नाम परिवर्तन
नाम परिवर्तन
Dr. Pradeep Kumar Sharma
पितृ दिवस पर....
पितृ दिवस पर....
डॉ.सीमा अग्रवाल
कार्ल मार्क्स
कार्ल मार्क्स
Shekhar Chandra Mitra
ख़्वाहिशों का कोई
ख़्वाहिशों का कोई
Dr fauzia Naseem shad
हा मैं हारता नहीं, तो जीतता भी नहीं,
हा मैं हारता नहीं, तो जीतता भी नहीं,
Sandeep Mishra
जनता हर पल बेचैन
जनता हर पल बेचैन
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
2744. *पूर्णिका*
2744. *पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
बड़ा मुंहफट सा है किरदार हमारा
बड़ा मुंहफट सा है किरदार हमारा
ruby kumari
माँ की याद आती है ?
माँ की याद आती है ?
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
जल जंगल जमीन जानवर खा गया
जल जंगल जमीन जानवर खा गया
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
✍️जिंदगी का फ़लसफ़ा✍️
✍️जिंदगी का फ़लसफ़ा✍️
'अशांत' शेखर
अगर मेरे साथ यह नहीं किया होता तूने
अगर मेरे साथ यह नहीं किया होता तूने
gurudeenverma198
अब भी दुनिया का सबसे कठिन विषय
अब भी दुनिया का सबसे कठिन विषय "प्रेम" ही है
DEVESH KUMAR PANDEY
फितरत न कभी सीखा
फितरत न कभी सीखा
Satish Srijan
*मृत्यु  (कुंडलिया)*
*मृत्यु (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
अपने आलोचकों को कभी भी नजरंदाज नहीं करें। वही तो है जो आपकी
अपने आलोचकों को कभी भी नजरंदाज नहीं करें। वही तो है जो आपकी
Paras Nath Jha
फुटपाथ
फुटपाथ
Prakash Chandra
जिंदगी
जिंदगी
Neeraj Agarwal
🎂जन्मदिन की अनंत शुभकामनाये🎂
🎂जन्मदिन की अनंत शुभकामनाये🎂
Dr Manju Saini
खुशनुमा – खुशनुमा सी लग रही है ज़मीं
खुशनुमा – खुशनुमा सी लग रही है ज़मीं
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
तरन्नुम में अल्फ़ाज़ सजते सजाते
तरन्नुम में अल्फ़ाज़ सजते सजाते
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
मैथिली के प्रथम मुस्लिम कवि फजलुर रहमान हाशमी (शख्सियत) - डॉ. जियाउर रहमान जाफरी
मैथिली के प्रथम मुस्लिम कवि फजलुर रहमान हाशमी (शख्सियत) - डॉ. जियाउर रहमान जाफरी
श्रीहर्ष आचार्य
सच है, दुनिया हंसती है
सच है, दुनिया हंसती है
Saraswati Bajpai
कहने को तो इस जहां में अपने सब हैं ,
कहने को तो इस जहां में अपने सब हैं ,
ओनिका सेतिया 'अनु '
प्रथम शैलपुत्री
प्रथम शैलपुत्री
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
एक छोरी काळती हमेशा जीव बाळती,
एक छोरी काळती हमेशा जीव बाळती,
प्रेमदास वसु सुरेखा
हो मापनी, मफ़्हूम, रब्त तब कहो ग़ज़ल।
हो मापनी, मफ़्हूम, रब्त तब कहो ग़ज़ल।
सत्य कुमार प्रेमी
संक्रांति
संक्रांति
Harish Chandra Pande
फंस गया हूं तेरी जुल्फों के चक्रव्यूह मैं
फंस गया हूं तेरी जुल्फों के चक्रव्यूह मैं
ठाकुर प्रतापसिंह "राणाजी"
Loading...