*जरूरी है हृदय में बस, प्रवाहित तीव्र जीवटता (मुक्तक)*

जरूरी है हृदय में बस, प्रवाहित तीव्र जीवटता (मुक्तक)
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वियोगी-भाव में जीकर, कभी जीवन नहीं कटता
समय है एक वह मरहम, स्वत: दुख जिससे है घटता
नियति से जूझना सीखो, रखो उत्साह को जारी
जरूरी है हृदय में बस, प्रवाहित तीव्र जीवटता
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रचयिता : रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा, रामपुर, उत्तर प्रदेश
मोबाइल 999761 5451