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19 Aug 2021 · 1 min read

जमीन

आसमान से जमीन मिलाइए
भेद आपसी जाति पाँति मिटाइए
रक्त का बस इक ही पहचान पत्र
समता नर पशु सबमें बनाइए

पाप कर्म जमीन पर बढ जायेगा
नर इतना अब कमीन हो जायेगा
सोचा न कभी भी मेरे जमीर ने
रह कहाँ किसकाअमीन जायेगा

जमीन कभी न कहती बैर भाव रखो
कुचल को वजूद मूँछ पर ताव रखो
भगवान सबका एक न हिन्दू या मुस्लिम
बराबरी का आपस में हिसाब रखो

अमीन —विश्वास

Language: Hindi
Tag: कविता
76 Likes · 358 Views

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