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16 Jun 2024 · 1 min read

जब से मेरे सपने हुए पराए, दर्द शब्दों में ढलने लगे,

जब से मेरे सपने हुए पराए, दर्द शब्दों में ढलने लगे,
आह! मेरे गीत बनकर अल्फाज़ पन्नों में उतरने लगे

©️ डॉ. शशांक शर्मा “रईस”

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