Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
9 Jun 2024 · 1 min read

जब रंग हजारों फैले थे,उसके कपड़े मटमैले थे।

जब रंग हजारों फैले थे,उसके कपड़े मटमैले थे।
जेबों में खोंटे थे सिक्के , वो भीड़ में भी अकेले थे।
वो दूर अकेले कोने में , सपनों के सूखे डोने में।
कंधे पर पतवार लिए, जीवन की सूखी हार लिए।
सपनों से धूल हटाते हैं, पर बार बार आ जाते हैं ।
जीवन का सच ही है माटी, पर भूख अभी भी है बांकी।

143 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.

You may also like these posts

माँ
माँ
Shailendra Aseem
#ऐसी_कैसी_भूख?
#ऐसी_कैसी_भूख?
*प्रणय*
सच्चे होकर भी हम हारे हैं
सच्चे होकर भी हम हारे हैं
नूरफातिमा खातून नूरी
- टूटते बिखरते रिश्ते -
- टूटते बिखरते रिश्ते -
bharat gehlot
सुविचार
सुविचार
विनोद कृष्ण सक्सेना, पटवारी
Prima Facie
Prima Facie
AJAY AMITABH SUMAN
तीर नजर के पार गईल
तीर नजर के पार गईल
Nitu Sah
सारा आकाश तुम्हारा है
सारा आकाश तुम्हारा है
Shekhar Chandra Mitra
ख़ुदा करे ये क़यामत के दिन भी बड़े देर से गुजारे जाएं,
ख़ुदा करे ये क़यामत के दिन भी बड़े देर से गुजारे जाएं,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
बड़ा इंसान वो है।
बड़ा इंसान वो है।
Ranjeet kumar patre
हाँ ये सच है
हाँ ये सच है
Saraswati Bajpai
*Beauty*
*Beauty*
Veneeta Narula
हाइपरटेंशन
हाइपरटेंशन
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
तू रुकना नहीं,तू थकना नहीं,तू हारना नहीं,तू मारना नहीं
तू रुकना नहीं,तू थकना नहीं,तू हारना नहीं,तू मारना नहीं
पूर्वार्थ
2518.पूर्णिका
2518.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
" विचार "
Dr. Kishan tandon kranti
नयन मेरे सूखने के कगार पर हैं,
नयन मेरे सूखने के कगार पर हैं,
Chaahat
जम़ी पर कुछ फुहारें अब अमन की चाहिए।
जम़ी पर कुछ फुहारें अब अमन की चाहिए।
सत्य कुमार प्रेमी
खेल कितने है ये जिंदगी तेरे
खेल कितने है ये जिंदगी तेरे
Shinde Poonam
"प्यासा" "के गजल"
Vijay kumar Pandey
राष्ट्रीय विकास
राष्ट्रीय विकास
Rahul Singh
अहम तोड़ता आजकल ,
अहम तोड़ता आजकल ,
sushil sarna
अपने माँ बाप पर मुहब्बत की नजर
अपने माँ बाप पर मुहब्बत की नजर
shabina. Naaz
नव वर्ष हमारे आए हैं
नव वर्ष हमारे आए हैं
Er.Navaneet R Shandily
हम जंगल की चिड़िया हैं
हम जंगल की चिड़िया हैं
ruby kumari
जागो बहन जगा दे देश 🙏
जागो बहन जगा दे देश 🙏
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
डॉ अरुण कुमार शास्त्री
डॉ अरुण कुमार शास्त्री
DR ARUN KUMAR SHASTRI
मूकनायक
मूकनायक
मनोज कर्ण
ज़ख्म आज भी
ज़ख्म आज भी
हिमांशु Kulshrestha
सुनले पुकार मैया
सुनले पुकार मैया
Basant Bhagawan Roy
Loading...