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17 Sep 2024 · 1 min read

जब भी लिखता था कमाल लिखता था

जब भी लिखता था कमाल लिखता था
सवालों के वो जबाब लिखता था
अनछुए अनकहे भाव जीवन्त हो उठते थे
जब वो कागज पर कलम रखता था

Language: Hindi
36 Views
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