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5 May 2022 · 1 min read

जब बेटा पिता पे सवाल उठाता हैं

पिता को भी दर्द होता हैं
जब बेटा अपने कर्तव्य से मुकरता हैं

जिन आंखों का था कभी पिता हिरों
आज बेटा उसी से पूछता हैं
कि किया क्या हैं मेरे लिए
ये सुनकर पिता का कलेजा फटता हैं
फिर उसके आंखों के सामने ये दुनिया जीरो लगता हैं

पिता को भी दर्द होता हैं
जब बेटा पिता पे सवाल उठाता हैं

जिस उंगली को थामकर चलना सीखा
जिस कंधे पे चढ़कर ये दुनिया देखा
आज बेटा उसी से पूछता हैं
किया क्या हैं आपने मेरे लिए
ये जानकर पिता का आत्मा रोता हैं
फिर उसके आंखों के सामने ये दुनियादारी झूठा लगता हैं

पिता को भी दर्द होता है
जब बेटा पिता से रूढ़ली बातें करता है

जिसने देती जवानी अपना
जिसको चाहा खुद से ज्यादा
आज बेटा उसी से पूछता हैं
किया क्या हैं आपने मेरे लिए
ये सुनकर पिता का रोम-रोम कांपता हैं
फिर उसे ये बंधन-बंधन नहीं मौत का जाल नजर आता हैं।।

पिता को भी दर्द होता हैं
जब बेटा पिता को पिता नहीं ,एक बोझ समझता हैं।।

नीतू साह
हुसेना बंगरा,सीवान-बिहार

7 Likes · 14 Comments · 542 Views
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