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7 Apr 2023 · 1 min read

जब तक जरूरत अधूरी रहती है….,

जब तक जरूरत अधूरी रहती है….,
तब तक ही चलने का मन रहता है ‌।

अलग चाल में आ जाता है आदमी..
जब जेब में आदमी के धन रहता है।।

✍️कवि दीपक सरल

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