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13 May 2024 · 1 min read

जबकि ख़ाली हाथ जाना है सभी को एक दिन,

जबकि ख़ाली हाथ जाना है सभी को एक दिन,
लोग भरते हैं मगर अलमारियाँ इतनी कि बस !

@ श्याम वशिष्ठ ‘शाहिद’

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