Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
9 Aug 2021 · 1 min read

जज साहब गुनाह कबूल है !

मेरी पड़ोसी से अनबन हो गई,
उसने गुस्से में रपट लिखाई।
मुकदमा दायर हुआ मुझ पर,
पुलिस ने कोर्ट में पेश किया।
जाने कैसा मुझ पर केस किया।

मेरी फरियाद सुनी नहीं गई,
तारीख नई हर बार दी गई।
नोटिसो का फसाना शुरू हुआ,
वकीलों का आना जाना शुरू हुआ।

कोर्ट के चक्कर में लगाता रहा,
अपनी आपबीती सुनाता रहा।
मेरा वकील मुझे भरमाता रहा,
नई नई तरकीब बताता रहा।

समन पर समन आते रहे,
सुख चैन सब मेरे जाते रहे।
मेंने पड़ोसी से भी फरियाद की,
मुकदमा वापस लेने की बात की।

वो तो मुझे फसा कर खुश था,
सिस्टम के रवायिए से संतुष्ट था।
में बेवजह ही परेशान होता रहा,
यहां वहां जाकर मैं रोता रहा।

जज साहब से बोला में जाकर,
सरकार बेकसूर हूं मुझे छोड़िए।
बोले जज साहब मुस्कुरा कर,
गुनाह कबूल पहले ऐसा बोलिए।

में सिस्टम से इतना त्रस्त था,
कोर्ट के चक्कर लगा पस्त था।
जज साहब से जाकर बोला,
में मानता हूं जो मेरी भूल है।
जज साहब गुनाह कबूल है।

गुनाह कबूल कर जुर्माना भरा,
बिना गलती के इतना सब सहा।
न्याय की व्यवस्था भी खूब है,
उसे मिलता है जिसका रसूक है।
गरीबी यहां सबसे बड़ी भूल है,
जज साहब गुनाह कबूल है।

Language: Hindi
Tag: कविता
2 Likes · 1 Comment · 230 Views
You may also like:
ग़ज़ल
ग़ज़ल
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
गुदड़ी के लाल
गुदड़ी के लाल
Shekhar Chandra Mitra
आपके अन्तर मन की चेतना अक्सर जागृत हो , आपसे , आपके वास्तविक
आपके अन्तर मन की चेतना अक्सर जागृत हो , आपसे...
Seema Verma
आंसूओं की नहीं
आंसूओं की नहीं
Dr fauzia Naseem shad
Desires are not made to be forgotten,
Desires are not made to be forgotten,
Sakshi Tripathi
बीती यादें
बीती यादें
Surinder blackpen
ए जिंदगी….
ए जिंदगी….
Dr Manju Saini
--फेस बुक की रील--
--फेस बुक की रील--
गायक और लेखक अजीत कुमार तलवार
एक मुर्गी की दर्द भरी दास्तां
एक मुर्गी की दर्द भरी दास्तां
ओनिका सेतिया 'अनु '
आभार राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ.... रामपुर नगर....
आभार राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ.... रामपुर नगर....
Ravi Prakash
जल
जल
मनोज कर्ण
एक तरफा प्यार
एक तरफा प्यार
Nishant prakhar
नज़्म-ए-अंजुमन हो तुम
नज़्म-ए-अंजुमन हो तुम
Seema 'Tu hai na'
इधर उधर न देख तू
इधर उधर न देख तू
Shivkumar Bilagrami
■ सियासत
■ सियासत
*Author प्रणय प्रभात*
#आलिंगनदिवस
#आलिंगनदिवस
सत्य कुमार प्रेमी
बूत परस्ती से ही सीखा,
बूत परस्ती से ही सीखा,
Satish Srijan
शब्दों को गुनगुनाने दें
शब्दों को गुनगुनाने दें
डा. सूर्यनारायण पाण्डेय
मोहब्ब्बत के रंग तुम पर बरसा देंगे आज,
मोहब्ब्बत के रंग तुम पर बरसा देंगे आज,
Shubham Pandey (S P)
रंग-ए-बाज़ार कर लिया खुद को
रंग-ए-बाज़ार कर लिया खुद को
Ashok Ashq
जोशीमठ
जोशीमठ
Dr Archana Gupta
शक्कर की माटी
शक्कर की माटी
विजय कुमार नामदेव
उसकी आँखों के दर्द ने मुझे, अपने अतीत का अक्स दिखाया है।
उसकी आँखों के दर्द ने मुझे, अपने अतीत का अक्स...
Manisha Manjari
My Expressions
My Expressions
Shyam Sundar Subramanian
Kabhi kabhi har baat se fark padhta hai mujhe
Kabhi kabhi har baat se fark padhta hai mujhe
Roshni Prajapati
मेरी वो बात अक्सर काटता है
मेरी वो बात अक्सर काटता है
Irshad Aatif
सागर में अनगिनत प्यार की छटाएं है
सागर में अनगिनत प्यार की छटाएं है
'अशांत' शेखर
रहो नहीं ऐसे दूर तुम
रहो नहीं ऐसे दूर तुम
gurudeenverma198
अश्रुपात्र A glass of tears भाग 9
अश्रुपात्र A glass of tears भाग 9
Dr. Meenakshi Sharma
सूरज को ले आता कौन?
सूरज को ले आता कौन?
AJAY AMITABH SUMAN
Loading...