जज्बात
6-कहीं है आग जज्बे में
कहीं तूफां मचलते है
बेचैन शमा कहीं पे है
परवाने भी जलते है,परवाने
भी जलते है।।
कहीं जो मिल जाओ हमदम
दिल को करार आये।।
कभी चाहत, कभी है ख्वाब
कभी अरमा थिरकते है
कहीं किस्मत से मिल जाओ
चाँदनी का चाँद मिल जाये।।
कहीं है आग जज्बे में कहीं
तूफां मचलते है
बेचैन शमां कहीँ पे है
परवाने भी जलते है
परवाने भी जलते है।।
कभी है काश, कभी एहसास
कभी सांसो की गर्मी है
धड़कते दिल की धड़कन में
कभी जज्बात जिंदगी
कहीं ज़िंदगी मे मिल जाओ
बहारो से जिंदग्गी मिल जाये।।
कहीं है आग जज्बे में कहीं
तूफां मचलते है
बेचैन शमां कहीँ पे है
परवाने भी जलते है
परवाने भी जलते है।।