Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
20 Mar 2023 · 1 min read

जज़्बात-ए-दिल

सुना है वो आजकल भी
महफिलें लूट रहे हैं
और हम अब भी उनकी
याद में टूट रहे हैं

टूट रहे हैं शाखों से पत्ते
माली को फिक्र ही नहीं है
पतझड़ तो अभी आया ही नहीं
उसे क्यों ये यकीन नहीं है

यकीन करे भी तो कैसे उसपर
वो अब मौसम हो गया है
कह रहा था मिलता रहूंगा
आज जाने कहां खो गया है

खो जाते हैं जो इस राह में
फिर वो मिलते नहीं दोबारा
ये इश्क़ चीज़ ही ऐसी है
ये फिर होता नहीं दोबारा

दोबारा मिलने की चाहत थी उसकी
लग रहा था वो इसी बात से आहत थी
थोड़ा वक्त लग गया समझने में मुझे
जब मिला तो मेरे दिल को भी राहत थी

राहत मिलती है मुझे उसको देखकर
नींद आती है मुझे उसको सोचकर
सबकुछ तो मेरा उसपर निर्भर है
सांसें भी चलती है मेरी उसको पूछकर

पूछना चाहता हूँ मैं उस ख़ुदा से
ये कैसा दर्द बनाया है उसने
लग जाता है कहीं भी किसी को
ये जो दिल का दर्द बनाया है उसने

मिटता नहीं है ये दर्द दिल का
तेरी ज़िंदगी गुज़र जाती है
गुज़ारा नहीं एक पल संग जिसके
उसकी याद पल पल आती है ।

Language: Hindi
10 Likes · 4 Comments · 921 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.

Books from सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'

You may also like:
फितरत वो दोस्ती की कहाँ
फितरत वो दोस्ती की कहाँ
Rashmi Sanjay
मीठा शहद बनाने वाली मधुमक्खी भी डंक मार सकती है इसीलिए होशिय
मीठा शहद बनाने वाली मधुमक्खी भी डंक मार सकती है इसीलिए होशिय
तरुण सिंह पवार
अपनी सीमाओं को लांगा
अपनी सीमाओं को लांगा
कवि दीपक बवेजा
*मजा हार में आता (बाल कविता)*
*मजा हार में आता (बाल कविता)*
Ravi Prakash
"छलनी"
Dr. Kishan tandon kranti
चलती है जिंदगी
चलती है जिंदगी
डॉ. शिव लहरी
समँदर को यकीं है के लहरें लौटकर आती है
समँदर को यकीं है के लहरें लौटकर आती है
'अशांत' शेखर
गीत प्रतियोगिता के लिए
गीत प्रतियोगिता के लिए
Manisha joshi mani
ग़ज़ल
ग़ज़ल
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
होली की मुबारकबाद
होली की मुबारकबाद
Shekhar Chandra Mitra
2285.
2285.
Dr.Khedu Bharti
दादी माँ
दादी माँ
Fuzail Sardhanvi
*देना इतना आसान नहीं है*
*देना इतना आसान नहीं है*
Seema Verma
ये कुछ सवाल है
ये कुछ सवाल है
gurudeenverma198
स्वयं आएगा
स्वयं आएगा
चक्षिमा भारद्वाज"खुशी"
■ जय जिनेन्द्र
■ जय जिनेन्द्र
*Author प्रणय प्रभात*
💐Prodigy Love-30💐
💐Prodigy Love-30💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
माँ की गोद में
माँ की गोद में
Surya Barman
नर नारी
नर नारी
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
नौकरी
नौकरी
Buddha Prakash
खत लिखा था पहली बार दे ना पाए कभी
खत लिखा था पहली बार दे ना पाए कभी
ठाकुर प्रतापसिंह "राणाजी"
संत गाडगे संदेश
संत गाडगे संदेश
Vijay kannauje
मैं कौन हूं
मैं कौन हूं
प्रेमदास वसु सुरेखा
ग़ज़ल _रखोगे कब तलक जिंदा....
ग़ज़ल _रखोगे कब तलक जिंदा....
शायर देव मेहरानियां
"बेरंग शाम का नया सपना" (A New Dream on a Colorless Evening)
Sidhartha Mishra
यही बस चाह है छोटी, मिले दो जून की रोटी।
यही बस चाह है छोटी, मिले दो जून की रोटी।
डॉ.सीमा अग्रवाल
महसूस खुद को
महसूस खुद को
Dr fauzia Naseem shad
क्यों न्यौतें दुख असीम
क्यों न्यौतें दुख असीम
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
कहानी *
कहानी *"ममता"* पार्ट-3 लेखक: राधाकिसन मूंधड़ा, सूरत।
Radhakishan Mundhra
प्रकृति एवं मानव
प्रकृति एवं मानव
नन्दलाल सुथार "राही"
Loading...