Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
23 Oct 2016 · 1 min read

जगी भावना भक्ति,- भाव की ::: जितेंद्रकमलआनंद ( पोस्ट८६)

जगी भावना भक्ति – भाव की फिर से लगन लिए ।
रचवा दें प्रभु गीत भक्ति के मधुरिम सपन लिए ।।

कब से तुझे पुकार रहा है ,यह मन पागल है ,
यह वियोग में देखो कैसा आहत, घायल है ।
तेरे दर्शन का मैं प्यासा , दृग मे तपन लिए ।
अब तो आजा राम सखा तू बस जा मेरे हिये ।।

कब होंगे साकार सलोने सपन सुनहरे- से ।
कब पाऊँगा पल अनगिन मैं , रजत रुपहले – से ।
तड़प रहा मिलनातुर तुमसे कैसी अगन लिए ।
होगा कब पावन प्रभु तुमसे मधुर मिलन ,हे प्रिये !!

— जितेन्द्रकमल आनंद

Language: Hindi
Tag: गीत
231 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Follow our official WhatsApp Channel to get all the exciting updates about our writing competitions, latest published books, author interviews and much more, directly on your phone.
You may also like:
कहीं फूलों की बारिश है कहीं पत्थर बरसते हैं
कहीं फूलों की बारिश है कहीं पत्थर बरसते हैं
Phool gufran
मुख अटल मधुरता, श्रेष्ठ सृजनता, मुदित मधुर मुस्कान।
मुख अटल मधुरता, श्रेष्ठ सृजनता, मुदित मधुर मुस्कान।
रेखा कापसे
है कहीं धूप तो  फिर  कही  छांव  है
है कहीं धूप तो फिर कही छांव है
कुंवर तुफान सिंह निकुम्भ
फ्लाइंग किस और धूम्रपान
फ्लाइंग किस और धूम्रपान
Dr. Harvinder Singh Bakshi
बजट का समायोजन (एक व्यंग)
बजट का समायोजन (एक व्यंग)
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
✍️शहीदों को नमन
✍️शहीदों को नमन
'अशांत' शेखर
2580.पूर्णिका
2580.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
कलियुग
कलियुग
Bodhisatva kastooriya
ख़त पहुंचे भगतसिंह को
ख़त पहुंचे भगतसिंह को
Shekhar Chandra Mitra
श्री कृष्ण जन्माष्टमी पर विशेष कविता:-
श्री कृष्ण जन्माष्टमी पर विशेष कविता:-
*Author प्रणय प्रभात*
गमों ने जिन्दगी को जीना सिखा दिया है।
गमों ने जिन्दगी को जीना सिखा दिया है।
Taj Mohammad
ये  कहानी  अधूरी   ही  रह  जायेगी
ये कहानी अधूरी ही रह जायेगी
Yogini kajol Pathak
*अपना अंतस*
*अपना अंतस*
Rambali Mishra
कहमुकरी
कहमुकरी
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
सुबह की किरणों ने, क्षितिज़ को रौशन किया कुछ ऐसे, मद्धम होती साँसों पर, संजीवनी का असर हुआ हो जैसे।
सुबह की किरणों ने, क्षितिज़ को रौशन किया कुछ ऐसे, मद्धम होती साँसों पर, संजीवनी का असर हुआ हो जैसे।
Manisha Manjari
चमत्कार को नमस्कार
चमत्कार को नमस्कार
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
अंगद के पैर की तरह
अंगद के पैर की तरह
Satish Srijan
जब आपका ध्यान अपने लक्ष्य से हट जाता है,तब नहीं चाहते हुए भी
जब आपका ध्यान अपने लक्ष्य से हट जाता है,तब नहीं चाहते हुए भी
Paras Nath Jha
मेरे भी थे कुछ ख्वाब
मेरे भी थे कुछ ख्वाब
Surinder blackpen
-- धरती फटेगी जरूर --
-- धरती फटेगी जरूर --
गायक - लेखक अजीत कुमार तलवार
"नए सवेरे की खुशी" (The Joy of a New Morning)
Sidhartha Mishra
*वट का वृक्ष सदा से सात्विक,फल अद्भुत शुभ दाता (गीत)*
*वट का वृक्ष सदा से सात्विक,फल अद्भुत शुभ दाता (गीत)*
Ravi Prakash
हजारों लोग मिलेंगे तुम्हें
हजारों लोग मिलेंगे तुम्हें
ruby kumari
तुम्हारी जय जय चौकीदार
तुम्हारी जय जय चौकीदार
Lodhi Shyamsingh Tejpuriya
मुझे फ़िक्र है तुम्हारी
मुझे फ़िक्र है तुम्हारी
Dr fauzia Naseem shad
नहीं छिपती
नहीं छिपती
shabina. Naaz
आँखों से काजल चुरा,
आँखों से काजल चुरा,
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
💐प्रेम कौतुक-562💐
💐प्रेम कौतुक-562💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
मैंने खुद को जाना, सुना, समझा बहुत है
मैंने खुद को जाना, सुना, समझा बहुत है
सिद्धार्थ गोरखपुरी
"दोस्ती के लम्हे"
Sarthi chitrangini
Loading...