Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
10 Sep 2016 · 1 min read

जगह दिल में बनाना जानते है

जगह दिल में बनाना जानते है
याराना भी निभाना जानते हैं।1।

पूछो कुछ; बताते कुछ हैं यारों
फ़कत बातें बनाना जानते हैं।2।

कोई महफ़िल नहीं जिसमें नहीं वो
वो खुशबू है बताना जानते हैं।3।

कोई मुश्किल मुझे बस याद करना
रिश्ते दिल के निभाना जानते हैं।4।

है उनको हौसले पर ही भरोसा
वो दो रोटी…कमाना जानते हैं।5।

हजारों ग़म सितमगर ने दिए हैं
हवा में ग़म उड़ाना जानते हैं।6।

@आनंद बिहारी, चंडीगढ़
https://m.facebook.com/anandbiharilive

1 Comment · 490 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Follow our official WhatsApp Channel to get all the exciting updates about our writing competitions, latest published books, author interviews and much more, directly on your phone.
You may also like:
हकीकत
हकीकत
अखिलेश 'अखिल'
*मुहब्बत के मोती*
*मुहब्बत के मोती*
आर.एस. 'प्रीतम'
"कुछ लोगों के पाश
*Author प्रणय प्रभात*
जीवन बरगद कीजिए
जीवन बरगद कीजिए
Mahendra Narayan
आईना प्यार का क्यों देखते हो
आईना प्यार का क्यों देखते हो
Vivek Pandey
तुम बहुत खूबसूरत हो
तुम बहुत खूबसूरत हो
Anamika Singh
!!महात्मा!!
!!महात्मा!!
पंकज पाण्डेय सावर्ण्य
जीवन चक्र
जीवन चक्र
AMRESH KUMAR VERMA
'निशा नशीली'
'निशा नशीली'
Godambari Negi
*सूझबूझ के धनी : हमारे बाबा जी लाला भिकारी लाल सर्राफ* (संस्मरण)
*सूझबूझ के धनी : हमारे बाबा जी लाला भिकारी लाल सर्राफ* (संस्मरण)
Ravi Prakash
कृष्ण जन्म / (नवगीत)
कृष्ण जन्म / (नवगीत)
ईश्वर दयाल गोस्वामी
होली कान्हा संग
होली कान्हा संग
Kanchan Khanna
ये आँसू मत बहाओ तुम
ये आँसू मत बहाओ तुम
gurudeenverma198
गज़ल
गज़ल
सत्य कुमार प्रेमी
ਹਕੀਕਤ ਜਾਣਦੇ ਹਾਂ
ਹਕੀਕਤ ਜਾਣਦੇ ਹਾਂ
Surinder blackpen
मानव जीवन में तर्पण का महत्व
मानव जीवन में तर्पण का महत्व
Santosh Shrivastava
Writing Challenge- भाग्य (Luck)
Writing Challenge- भाग्य (Luck)
Sahityapedia
ज़िंदगी ने कहां
ज़िंदगी ने कहां
Dr fauzia Naseem shad
दोहा
दोहा
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
2548.पूर्णिका
2548.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
पीड़ादायक होता है
पीड़ादायक होता है
अभिषेक पाण्डेय 'अभि ’
उनको मत समझाइए
उनको मत समझाइए
राहुल द्विवेदी 'स्मित'
नव वर्ष
नव वर्ष
Satish Srijan
पथिक तुम इतने विव्हल क्यों ?
पथिक तुम इतने विव्हल क्यों ?
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
मौन आँखें रहीं, कष्ट कितने सहे,
मौन आँखें रहीं, कष्ट कितने सहे,
Arvind trivedi
बाल कहानी- चतुर और स्वार्थी लोमड़ी
बाल कहानी- चतुर और स्वार्थी लोमड़ी
SHAMA PARVEEN
जब सूरज एक महीने आकाश में ठहर गया, चलना भूल गया! / Pawan Prajapati
जब सूरज एक महीने आकाश में ठहर गया, चलना भूल गया! / Pawan Prajapati
Dr MusafiR BaithA
निरंतर खूब चलना है
निरंतर खूब चलना है
surenderpal vaidya
💐योगं विना मुक्ति: नः💐
💐योगं विना मुक्ति: नः💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
"सूनी मांग" पार्ट-2
Radhakishan R. Mundhra
Loading...