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10 May 2023 · 1 min read

“छ.ग. पर्यटन महिमा”

“छ.ग. पर्यटन महिमा”
कल-कल करती नदी वो झरने
हरियाली फैली चहुँओर,
लोक संस्कृति का ताना-बाना
जैसे बंधे एक डोर।
जंगली जानवरों से भरा-पूरा
अबूझ अनोखा संसार,
वन खनिज सारी सम्पदा छुपी
छलकते प्रेम अपार।

4 Likes · 2 Comments · 79 Views
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