छाया हर्ष है _नया वर्ष है_नवराते भी आज से।

छाया हर्ष है _नया वर्ष है_नवराते भी आज से।
आप सभी को देते बधाई हम तो कितने नाज़ से।।
आओ हिल मिल के चलें_ सपने सबके ही पले।
दुनिया को सबसे पहले_काल गणना हमले सिखलाई।
बारह महीनों की व्यवस्था__ फिर सबने थी अपनाई।।
पर्व मनाओ _दीप जलाओ_ खुशियों के ही दीप जले।
आओ हिल मिल के चले_ सपने सबके ही पले।
🌹मंगलमय _नववर्ष🌹शुभ नवरात्र🌹
की आप सभी को हार्दिक शुभकामनाएं
कवि_राजेश व्यास अनुनय