Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
5 Jun 2023 · 1 min read

छह ऋतु, बारह मास हैं, ग्रीष्म-शरद-बरसात

छह ऋतु, बारह मास हैं, ग्रीष्म-शरद-बरसात
स्वच्छ रहे पर्यावरण, सुबह-शाम, दिन-रात
हरियाली के गीत मैं, गाता आठों याम
कोटि-कोटि पर्यावरण, तुमको करूँ प्रणाम
खूब संपदा कुदरती, आँखों से तू तोल
कह रही सृष्टि चीखकर, वसुंधरा अनमोल
मन प्रसन्नचित हो गया, देख हरा उद्यान
फूल खिले हैं चार सू, बढ़ा रहे हैं शान
मानव मत खिलवाड़ कर, कुदरत है अनमोल
चुका न पायेगा कभी, कुदरत का तू मोल
—महावीर उत्तरांचली

2 Likes · 2 Comments · 100 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
View all
You may also like:
एकांत बनाम एकाकीपन
एकांत बनाम एकाकीपन
Sandeep Pande
चंद दोहे नारी पर...
चंद दोहे नारी पर...
डॉ.सीमा अग्रवाल
Kabhi kabhi har baat se fark padhta hai mujhe
Kabhi kabhi har baat se fark padhta hai mujhe
Roshni Prajapati
लोग हमसे ख़फा खफ़ा रहे
लोग हमसे ख़फा खफ़ा रहे
Surinder blackpen
बेअदब कलम
बेअदब कलम
AJAY PRASAD
मत्तगयंद सवैया ( राखी )
मत्तगयंद सवैया ( राखी )
संजीव शुक्ल 'सचिन'
💐खामोश जुबां 💐
💐खामोश जुबां 💐
DR ARUN KUMAR SHASTRI
बस्ता
बस्ता
सुशील मिश्रा (क्षितिज राज)
✍️यंत्रतंत्र के बदलाव✍️
✍️यंत्रतंत्र के बदलाव✍️
'अशांत' शेखर
मानव और मशीनें
मानव और मशीनें
Mukesh Kumar Sonkar
🦋 आज की प्रेरणा 🦋
🦋 आज की प्रेरणा 🦋
तरुण सिंह पवार
एहसास-ए-शु'ऊर
एहसास-ए-शु'ऊर
Shyam Sundar Subramanian
करो नहीं व्यर्थ तुम,यह पानी
करो नहीं व्यर्थ तुम,यह पानी
gurudeenverma198
❤बिना मतलब के जो बात करते है
❤बिना मतलब के जो बात करते है
Satyaveer vaishnav
धरती की अंगड़ाई
धरती की अंगड़ाई
डॉ.श्री रमण 'श्रीपद्'
छिपकली
छिपकली
Dr Archana Gupta
मुझे पढ़ने का शौक आज भी है जनाब,,
मुझे पढ़ने का शौक आज भी है जनाब,,
Seema gupta,Alwar
कुंडलिया छंद
कुंडलिया छंद
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
रसिया यूक्रेन युद्ध विभीषिका
रसिया यूक्रेन युद्ध विभीषिका
Ram Krishan Rastogi
समझा दिया है
समझा दिया है
Dr fauzia Naseem shad
कर न चर्चा हसीन ख्वाबों का।
कर न चर्चा हसीन ख्वाबों का।
सत्य कुमार प्रेमी
हे महादेव
हे महादेव
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
मातृभाषा
मातृभाषा
नील पदम् Deepak Kumar Srivastava (दीपक )(Neel Padam)
प्रेम की पुकार
प्रेम की पुकार
Shekhar Chandra Mitra
“अखनो मिथिला कानि रहल अछि ”
“अखनो मिथिला कानि रहल अछि ”
DrLakshman Jha Parimal
2485.पूर्णिका
2485.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
जंग
जंग
shabina. Naaz
मुबारक हो।
मुबारक हो।
Taj Mohammad
💐Prodigy Love-21💐
💐Prodigy Love-21💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
*मैं बच्चों की तरह हर रोज, सारे काम करता हूँ (हिंदी गजल/गीति
*मैं बच्चों की तरह हर रोज, सारे काम करता हूँ (हिंदी गजल/गीति
Ravi Prakash
Loading...