छलकाओं न नैना

आँखों से आँसू तुम न बहाना
बह जायेंगी चाहत की नदियाँ..!!
बेपनाह है चाहत हमारी
पलकों पे सजा रखो सदा…!!
कह दो मन को न बहकावे दिल को
उठेगा दर्द तो…कैसे संभल पाएंगे..!!
मन की आंधी को न तूफान का रूप दो
छलकाओं न नैना वर्ना कैसे जियेंगे यारा… !!!!