चुपके से चले गये तुम

चुपके से चले गए तुम।
किस मोड़ पे हो गये गुम।
चुपके से चले गए तुम ।
न है कदमों का बाकी निशां,
बस बचे हैं कुछ टूटे अरमां,
मन घायल हैं गुमसुम।
चुपके से चले गए तुम।
बीती बातें सताती है हमें,
याद तेरी बहुत आती है हमें,
नैनों में बसा तलातुम ।
चुपके से चले गए तुम।
कैसे हो बता तो जाते
चेहरा तो दिखला जातै।
क्यों सूनी है मेरी अंजुम।
चुपके से चले गए तुम।
सुरिंदर कौर