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18 Mar 2023 · 1 min read

चाहे मिल जाये अब्र तक।

चाहे मिल जाये अब्र तक।
सुकून है सब्र तक।
चाहतों को न रोकें तो,
हवस जाती कब्र तक।

सतीश सृजन

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