Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
22 Sep 2016 · 1 min read

चाहते है

सभी रिश्ते निभाना चाहते है
तुझे अपना बनाना चाहते

कदम तेरा हमेशा हो सही ही नया दीपक अब दिखाना चाहते है

सभी की जिन्दगी हो फिर रंगीँ सी
जमीं पर चाँद लाना चाहते है

मिला हमको नहीं कुछ भी किसी से
जमाना को सताना चाहते है

हमेशा प्यार तुमको ही किया है
मुहब्बत को सजाना चाहते है

बुराई लोग करते है यहाँ पर
लगाना चेहरा साँचा चाहते है

करें कोई नहीं वो काम अपना
बहाना जो बनाना चाहते है

हकीकत चेहरे में जो छिपी है
वही तो ढूंढना चाहते है

डॉ मधु त्रिवेदी

Language: Hindi
71 Likes · 289 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from DR.MDHU TRIVEDI
View all
You may also like:
पुरानी खंडहरों के वो नए लिबास अब रात भर जगाते हैं,
पुरानी खंडहरों के वो नए लिबास अब रात भर जगाते हैं,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
रक्त के परिसंचरण में ॐ ॐ ओंकार होना चाहिए।
रक्त के परिसंचरण में ॐ ॐ ओंकार होना चाहिए।
Rj Anand Prajapati
Dr Arun Kumar shastri
Dr Arun Kumar shastri
DR ARUN KUMAR SHASTRI
शुभ प्रभात मित्रो !
शुभ प्रभात मित्रो !
Mahesh Jain 'Jyoti'
आपसी समझ
आपसी समझ
Dr. Pradeep Kumar Sharma
*लोकमैथिली_हाइकु*
*लोकमैथिली_हाइकु*
Dinesh Yadav (दिनेश यादव)
ख़ुद की हस्ती मिटा कर ,
ख़ुद की हस्ती मिटा कर ,
ओसमणी साहू 'ओश'
मन के सवालों का जवाब नाही
मन के सवालों का जवाब नाही
भरत कुमार सोलंकी
जगतगुरु स्वामी रामानंदाचार्य
जगतगुरु स्वामी रामानंदाचार्य
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
मनांतर🙏
मनांतर🙏
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
मेहनत करने की क्षमता के साथ आदमी में अगर धैर्य और विवेक भी ह
मेहनत करने की क्षमता के साथ आदमी में अगर धैर्य और विवेक भी ह
Paras Nath Jha
कृष्ण मुरारी आओ
कृष्ण मुरारी आओ
ओम प्रकाश श्रीवास्तव
" उज़्र " ग़ज़ल
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
उसको ख़ुद से ही ये गिला होगा ।
उसको ख़ुद से ही ये गिला होगा ।
Neelam Sharma
■ सोशल लाइफ़ का
■ सोशल लाइफ़ का "रेवड़ी कल्चर" 😊
*प्रणय प्रभात*
♥️ दिल की गलियाँ इतनी तंग हो चुकी है की इसमे कोई ख्वाइशों के
♥️ दिल की गलियाँ इतनी तंग हो चुकी है की इसमे कोई ख्वाइशों के
Ashwini sharma
ओ मां के जाये वीर मेरे...
ओ मां के जाये वीर मेरे...
Sunil Suman
शीर्षक – शुष्क जीवन
शीर्षक – शुष्क जीवन
Manju sagar
3442🌷 *पूर्णिका* 🌷
3442🌷 *पूर्णिका* 🌷
Dr.Khedu Bharti
सोया भाग्य जगाएं
सोया भाग्य जगाएं
महेश चन्द्र त्रिपाठी
जिंदा हूँ अभी मैं और याद है सब कुछ मुझको
जिंदा हूँ अभी मैं और याद है सब कुछ मुझको
gurudeenverma198
"आफ़ताब"
Dr. Kishan tandon kranti
🚩वैराग्य
🚩वैराग्य
Pt. Brajesh Kumar Nayak
जब ‘नानक’ काबा की तरफ पैर करके सोये
जब ‘नानक’ काबा की तरफ पैर करके सोये
कवि रमेशराज
हममें आ जायेंगी बंदिशे
हममें आ जायेंगी बंदिशे
Pratibha Pandey
कैसी शिक्षा आज की,
कैसी शिक्षा आज की,
sushil sarna
दिलकश है मेरा भारत, गुलशन है मेरा भारत ,
दिलकश है मेरा भारत, गुलशन है मेरा भारत ,
Neelofar Khan
*बरगद (बाल कविता)*
*बरगद (बाल कविता)*
Ravi Prakash
"" *प्रेमलता* "" ( *मेरी माँ* )
सुनीलानंद महंत
मैं हूं कार
मैं हूं कार
Santosh kumar Miri
Loading...