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22 Jan 2017 · 1 min read

दो सेदोका

प्रदीप कुमार दाश “दीपक”
—————–
दो सेदोका
01.
दीपक जला
रोशन कर चला
वह जग समूचा
राह दिखाता
थकी, हारी व झुकी
निविड़ तम निशा ।
—-0—-
02.
बूढ़ा दीपक
रात भर था जागा
थका, दिन में सोया
कोने में पड़ा
मधुर स्मृति स्वप्न
संजो रहा अकेला ।
—-00—-
– प्रदीप कुमार दाश “दीपक”
मो.नं. – 7828104111
pkdash399@gmail.com

Language: Hindi
554 Views
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