*चार दिन की सब माया 【कुंडलिया】*
चार दिन की सब माया 【कुंडलिया】
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काया को यह जानिए ,सब माटी का खेल
दीपक जैसे देर तक ,जलता जितना तेल
जलता जितना तेल ,खिलौना चाबी वाला
दिखलाता है रंग , श्वेत तो कोई काला
कहते रवि कविराय,चार दिन की सब माया
चार दिवस का खेल ,दिखाकर जाती काया
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रचयिता: रवि प्रकाश ,बाजार सर्राफा
रामपुर (उत्तर प्रदेश )
मोबाइल 99976 15451