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22 Feb 2023 · 1 min read

चार कदम चलने को मिल जाता है जमाना

चार कदम चलने को मिल जाता है जमाना
कौन मिलता है मुसाफिर जिंदगी भर के लिए

ना मिले मन तो अकेले रहना ही ठीक है
कई मुद्दे हैं जिंदगी के दर्दे सर के लिए !

कवि दीपक सरल

1 Like · 201 Views
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