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6 Jun 2024 · 1 min read

चारु

१.
पुलिसको पछि फेरि चोर दौडियो के अचम्म भयो
अपराधी छुटे निर्दोष जेलमा देखियो के अचम्म भयो

बसाइँ सरेर गयो न्याय ठुला बडाको सङ्गतले गर्दा
सत्य र अहिम्सा न्यायलयमा थन्कियो के अचम्म भयो

कङ्काल बटुल्दै छन रहरका आज जन तन बाच्नेहरु
मसानघाटमा आज अर्को गरिब सकियो के अचम्म भयो

जस्ले बनायो उसैलाई बिर्सियो ठान्नु पर्दैन आश्चर्य यहाँ
हेर्दाहेर्दै राष्ट्र र राष्ट्रियता बदलियो के अचम्म भयो

२.
बताई देउन आफ्नो पनको आभास के हुन्छ
आफ्नो पराइ छुट्याउने मेसीन खास के हुन्छ

पराइले भन्दा पीडा आफन्तले दिन्छ भन्छन
फूल सरी छुट्याउने आखिर सुवास के हुन्छ

छुरी सरी लाग्छ किन आफन्तको बोली पनि
त्यही बोली अरु बोले बकवास के हुन्छ

ढक छ न तराजु छ माया नाप्नलाइ
मन भरिएपछि भोक मेटाउने गास के हुन्छ

जय प्रकाश पौडेल
परीक्षा शाखा प्रमुख
देउखुरी बहुमुखी क्याम्पस
लमही,देउखुरी दाङ

Language: Nepali
127 Views
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