Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
4 Jun 2023 · 1 min read

चाय की दुकान पर

(शेर)- हो जाते हैं दूर सभी गम, चाय की दुकान पर।
दिखती है एक जन्नत हमें, चाय की दुकान पर।।
मिलता है एक नया सुकून, चाय की दुकान पर।
आवो निकालकर समय तुम, चाय की दुकान पर।।
—————————————————————-
मिलते हैं आज हम, चाय की दुकान पर।
करेंगे हम बातें कुछ, चाय की दुकान पर।।
मिलते हैं आज हम———————–।।

चुप ना रहो ऐसे तुम,मिलकर हमसे यहाँ।
कहो हाल अपना तुम,मिलकर हमसे यहाँ।।
तोड़ो तुम यह खामोशी, चाय की दुकान पर।
हमको मिलेगी ख़ुशी, चाय की दुकान पर।।
मिलते हैं आज हम————————–।।

मिलेंगे दोस्त पुराने, बनेंगे और नये दोस्त।
होते हैं बहुत अनमोल, जीवन में ये दोस्त।।
हम दोस्त करेंगे गपशप, चाय की दुकान पर।
अपनी सजेगी महफ़िल, चाय की दुकान पर।।
मिलते हैं आज हम————————-।।

मिलता है किसको चैन, चाय के बिना अब।
मिलती है किसको इज्जत,चाय के बिना अब।।
मिलेगी बहुत सी खबरें,चाय की दुकान पर।
लिखेंगे कुछ नये नगमें, चाय की दुकान पर।।

शिक्षक एवं साहित्यकार-
गुरुदीन वर्मा उर्फ जी.आज़ाद
तहसील एवं जिला- बारां(राजस्थान)

Language: Hindi
Tag: गीत
73 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
गर्दिशे जहाँ पा गये।
गर्दिशे जहाँ पा गये।
Taj Mohammad
जगमगाती चाँदनी है इस शहर में
जगमगाती चाँदनी है इस शहर में
Dr Archana Gupta
फूल,पत्ते, तृण, ताल, सबकुछ निखरा है
फूल,पत्ते, तृण, ताल, सबकुछ निखरा है
Anil Mishra Prahari
माँ आई
माँ आई
Kavita Chouhan
सत्य उस तीखी औषधि के समान होता है जो तुरंत तो कष्ट कारी लगती
सत्य उस तीखी औषधि के समान होता है जो तुरंत तो कष्ट कारी लगती
ओम प्रकाश श्रीवास्तव
सृष्टि के रहस्य सादगी में बसा करते है, और आडंबरों फंस कर, हम इस रूह को फ़ना करते हैं।
सृष्टि के रहस्य सादगी में बसा करते है, और आडंबरों फंस कर, हम इस रूह को फ़ना करते हैं।
Manisha Manjari
मैंने तुझे आमवस के चाँद से पूर्णिमा का चाँद बनाया है।
मैंने तुझे आमवस के चाँद से पूर्णिमा का चाँद बनाया है।
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
उर्दू वर्किंग जर्नलिस्ट का पहला राष्ट्रिय सम्मेलन हुआ आयोजित।
उर्दू वर्किंग जर्नलिस्ट का पहला राष्ट्रिय सम्मेलन हुआ आयोजित।
Shakil Alam
सबसे मुश्किल होता है, मृदुभाषी मगर दुष्ट–स्वार्थी लोगों से न
सबसे मुश्किल होता है, मृदुभाषी मगर दुष्ट–स्वार्थी लोगों से न
Dr MusafiR BaithA
दया***
दया***
Prabhavari Jha
✍️✍️जूनून में आग✍️✍️
✍️✍️जूनून में आग✍️✍️
'अशांत' शेखर
लोकमाता अहिल्याबाई होलकर
लोकमाता अहिल्याबाई होलकर
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
संस्कृत के आँचल की बेटी
संस्कृत के आँचल की बेटी
Er.Navaneet R Shandily
महान गुरु श्री रामकृष्ण परमहंस की काव्यमय जीवनी (पुस्तक-समीक्षा)
महान गुरु श्री रामकृष्ण परमहंस की काव्यमय जीवनी (पुस्तक-समीक्षा)
Ravi Prakash
Ye sham uski yad me gujarti nahi,
Ye sham uski yad me gujarti nahi,
Sakshi Tripathi
*जिंदगी के कुछ कड़वे सच*
*जिंदगी के कुछ कड़वे सच*
Sûrëkhâ Rãthí
लैला लैला
लैला लैला
Satish Srijan
फ़रेब-ए-'इश्क़
फ़रेब-ए-'इश्क़
Aditya Prakash
■ आस्था के आयाम...
■ आस्था के आयाम...
*Author प्रणय प्रभात*
151…. सहयात्री (राधेश्यामी छंद)
151…. सहयात्री (राधेश्यामी छंद)
Rambali Mishra
सब कुछ दुनिया का दुनिया में,     जाना सबको छोड़।
सब कुछ दुनिया का दुनिया में, जाना सबको छोड़।
डॉ.सीमा अग्रवाल
शिव हैं शोभायमान
शिव हैं शोभायमान
surenderpal vaidya
कंचन कर दो काया मेरी , हे नटनागर हे गिरधारी
कंचन कर दो काया मेरी , हे नटनागर हे गिरधारी
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
डॉ अरुण कुमार शास्त्री - एक अबोध बालक - अरुण अतृप्त  - शंका
डॉ अरुण कुमार शास्त्री - एक अबोध बालक - अरुण अतृप्त - शंका
DR ARUN KUMAR SHASTRI
स्वदेशी के नाम पर
स्वदेशी के नाम पर
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
हर युग में जय जय कार
हर युग में जय जय कार
जगदीश लववंशी
पार्क
पार्क
मनोज शर्मा
“ फेसबूक मित्रों की मौनता “
“ फेसबूक मित्रों की मौनता “
DrLakshman Jha Parimal
खुदी में मगन हूँ, दिले-शाद हूँ मैं
खुदी में मगन हूँ, दिले-शाद हूँ मैं
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
सच के सिपाही
सच के सिपाही
Shekhar Chandra Mitra
Loading...